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राहत: फटकार सुनते ही तैयार ,पवित्र पोर्टल की प्रक्रिया शुरू, विज्ञापन भी जारी
- एक माह के भीतर भरे जाएंगे जिप शिक्षकों के रिक्त पद
- सरकार औऱ् जिला परिषद पर जताई नाराजगी
- चंद्रपाल चौकसे ने दायर की याचिका
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाॅम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने जिला परिषद स्कूलों के शिक्षकों के रिक्त पदों को लेकर राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट की फटकार लगते ही राज्य सरकार ने जानकारी दी कि एक माह के भीतर जिप शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाएंगे। राष्ट्रीय पंचायत राज ग्राम प्रधान सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रपाल चौकसे ने इस संबंध में याचिका दायर की है। मांग की गई है कि नागपुर जिला परिषद के सैकड़ों रिक्त पदों पर सेवानिवृत्त शिक्षकों के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को शिक्षा स्वयंसेवक के रूप में नियुक्ति की जाए और इनके मानधन के लिए प्रधानमंत्री खनिज कल्याण क्षेत्र का निधि आवंटित करने जिलाधिकारी को आदेश दिए जाएं।
सुनवाई में हाजिर रहने को कहा था : पिछली सुनवाई में कोर्ट ने शिक्षकों के रिक्त पदों पर राज्य सरकार और जिला परिषद को फटकार लगाते हुए पूछा था, -"क्या आप अपने बच्चों को बिना शिक्षकों वाले स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजेंगे?' साथ ही कोर्ट ने जिप मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पिछड़ा वर्ग विभाग, कर्मचारी विभाग और पवित्र पोर्टल से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी कोर्ट में हाजिर रहने के आदेश दिए थे।
प्रक्रिया में देरी का कारण बताया : मामले में न्या. अविनाश घरोटे और न्या. मुकुलिका जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई। तब संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि, पवित्र पोर्टल के माध्यम से नागपुर जिला परिषद के प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों के सैकड़ों रिक्त पदों पर शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए विज्ञापन भी जारी कर दिए गए हैं। यह प्रक्रिया एक माह के भीतर पूरी हो जाएगी और नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले नए शिक्षक उपलब्ध हो जाएंगे।
राज्य सरकार ने यह भी कहा कि, इस संबंध में एक याचिका औरंगाबाद उच्च न्यायालय में प्रलंबित है। इस वजह से इस मामले में प्रक्रिया शुरू होने में देरी हुई। हालांकि, अब 571 संविदा शिक्षकों के पद स्वीकृत किये गये हैं। वर्तमान में 120 शिक्षक अस्थायी नियुक्ति पर कार्यरत हैं। अब 501 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है और नए शैक्षणिक सत्र से पहले ये नियुक्तियां कर दी जाएंगी। इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि राज्य सरकार यह जानकारी लिखित रूप में पेश करें। याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भांडारकर, जि. प. की ओर से एड. अंझार मिर्जा और राज्य सरकार की ओर से एड. संगिता जाचक ने पैरवी की।
Created On :   13 Feb 2024 1:37 PM IST