कोर्ट-कचहरी: रितु मालू काे नोटिस , गिरफ्तारी के लिए पुलिस फिर पहुंची कोर्ट

रितु मालू काे नोटिस , गिरफ्तारी के लिए पुलिस फिर पहुंची कोर्ट
  • नशे में तेजी से कार चलाकर दो लोगों को कुचलने का मामला
  • मालू को गिरफ्तार करने पुलिस को करनी पड़ रही मशक्कत
  • कोर्ट ने रितु मालू से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नशे में तेजी से कार चलाकर दो लोगों को कुचलने के मामले की आरोपी रितिका उर्फ रितु दिनेश मालू को गिरफ्तार करने की अनुमति के लिए तहसील पुलिस ने जिला व सत्र न्यायालय में अर्जी दायर की है। इस मामले में सोमवार को न्या. एस. यू. हाके के समक्ष हुई सुनवाई में कोर्ट ने रितु मालू को नोटिस जारी करते हुए 18 जुलाई तक जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं। प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के 2 जुलाई और 9 जुलाई के फैसले को तहसील पुलिस ने जिला न्यायालय में चुनौती दी है।

फ्लैशबैक...रिहाई, गिरफ्तारी और समर्पण : इस मामले में पहले तहसील पुलिस ने घातक दुर्घटना का मामला दर्ज कर रितु को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया। बाद में उसके खिलाफ सदोष मनुष्यवध का मामला दर्ज किया गया। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए रितु ने न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की। पहले जिला व सत्र न्यायालय और उसके बाद हाई कोर्ट ने भी रितु मालू की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। अंतत: मालू ने 1 जुलाई को तहसील पुलिस स्टेशन में समर्पण कर दिया। परिणामस्वरूप, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पीसीआर के लिए प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी कोर्ट के समक्ष पेश किया, लेकिन 2 जुलाई को कोर्ट ने मालू की गिरफ्तारी को अवैध घोषित कर दिया और उसकी रिहाई का आदेश दिया। पुलिस द्वारा नए से जोड़े गए संज्ञेय अपराधों में मालू को गिरफ्तार करने के लिए पहले इस अदालत की अनुमति लेना कानूनन अनिवार्य था। हालाँकि, इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इसका फायदा मालू को दिया गया।

अदालत ने यह कहा था : लेकिन पुलिस ने फिर से उसी कोर्ट में इसी मांग को लेकर फिर अर्जी दायर की थी। प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी ने 9 जुलाई को पुलिस की यह अर्जी फिर से खारिज कर दी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि, यह न्यायालय ट्रायल कोर्ट होने के कारण अपने आदेश को वापस नहीं ले सकता या उसकी समीक्षा नहीं कर सकता। यदि ऐसा किया जाता है, तो यह कानून के विरुद्ध होगा। इस आधार पर कोर्ट ने यह अर्जी खारिज की थी। इसलिए तहसील पुलिस ने अब प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के 2 जुलाई और 9 जुलाई के फैसले को जिला व सत्र न्यायालय में चुनौती दी है। इस अर्जी पर सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने रितु मालू को नोटिस जारी करते हुए जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं। राज्य सरकार की ओर से एड. रश्मि खापर्डे ने पैरवी की।


Created On :   16 July 2024 6:04 AM GMT

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