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नागपुर: चमत्कार पर गूंजीं तालियां, शेगांव के संत गजानन महानाट्य का शानदार मंचन
- स्वर मंथन द्वारा प्रस्तुत महानाट्य
- ‘शेगांव के संत गजानन’ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया
डिजिटल डेस्क, नागपुर. स्वर मंथन द्वारा प्रस्तुत महानाट्य ‘शेगांव के संत गजानन’ ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नाटक के दौरान सुरेश भट सभागृह में दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। महानाट्य का लेखन और निर्देशन प्रभाकर ठेंगड़ी ने किया। निर्देशक के रूप में ठेंगड़ी के लेखन और गतिशीलता के कारण दर्शक दो घंटे तक नाटक में डूबे रहे। मंच पर हो रहे महाराज के चमत्कार पर दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सहज प्रतिक्रिया दी। युवा कलाकार शार्दुल मोहरिल ने गजानन महाराज की भूमिका से किरदार को जीवंत किया। संचालिका रोहिणी मोहरिल की प्रस्तुति के माध्यम से गजानन महाराज के जीवन की विभिन्न घटनाएं जीवंत हो उठीं।
इनका रहा योगदान
महाराजा के पसंदीदा गाने 'शंभो शंकरा करुणाकरा' और 'चंदन चावल बेल की पत्तियां' ने दर्शकों का दिल जीत लिया। ‘दिंडी चालली चालली विट्ठलाच्या दर्शनाला' नृत्य गीत पंढरपुर के दर्शकों तक पहुंचा। ‘शेगांव के संत गजानन’ समाधिस्थ जाहला समाधि गीत से महाराज की समाधि के अवसर पर दर्शकों की आंखों में आंसू आ गए। इस महानाट्य में कुल 50 कलाकार शामिल हुए। पार्श्व गायक गुणवंत घटवाई, मनीष मोहरिल थे।
नेपथ्य देवेन्द्र निखारे, प्रकाश योजना विशाल यादव, रंगभूषा लालजी, वेशभूषा कुणाल नवरे और प्रिंट और विजुअल मिक्सिंग चारुदत्त जिचकर ने तकनीकी पहलुओं को संभाला। निर्माता मोहन पात्रीकर, सह निर्माता अशोक जर्मन, समन्वयक उज्वला अंधारे, दीपक तांबेकर, समन्वयक नारायण जोशी, सूत्रधार मोहन नाहतकर, कोरियोग्राफर मृण्मयी मोहरिल की थी।
Created On :   9 Jun 2024 1:55 PM GMT