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राहत: सुलझे रोबोटिक सर्जरी यूनिट के सभी पेंच
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल (मेडिकल) में बरसों से प्रस्तावित रोबोटिक सर्जरी यूनिट के सारे पंेच सुलझ गए हैं। पिछले सप्ताह इस यूनिट के लिए मशीन खरीदी के लिए प्रारंभिक टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। टेंडर प्रक्रिया में दी जाने वाली अवधि में इस यूनिट के लिए मशीनें खरीदकर मेडिकल को मिल जाएगी।
चार साल से अटके विषय को मिली गति : रोबोटिक सर्जरी यूनिट के लिए जरूरी मशीनों के लिए बीते नवंबर में टेंडर प्रक्रिया पूरी करने सरकार की तरफ से स्वीकृति दी गई थी। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था। 30 नवंबर की सुनवाई में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया था कि, मेडिकल में रोबोटिक सर्जरी यूनिट के लिए जरुरी मशीन खरीदी करने के लिए दो या तीन दिन में निविदा जारी की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि, बीते सप्ताह ही इस विषय को लेकर प्रारंभिक टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। पिछले चार साल से मेडिकल में रोबोटिक सर्जरी यूनिट स्थापित करने की योजना है। इसके लिए जरुरी मशीनें खरीदने के लिए हाफकिन महामंडल को 16 करोड़ रुपए दिए गए थे, लेकिन हाफकिन द्वारा मशीनें नहीं खरीदी गई। खनिकर्म विभाग से यह राशि मिली थी तब से हाफकिन के साथ कई बार पत्राचार किया गया, लेकिन मशीनें नहीं मिल पायीं। अंतत: इस विषय को लेकर मेडिकल प्रशासन परेशान हुआ। सरकारी अस्पतालों में जरूरी सामग्री की खरीदारी को लेकर हाफकिन की लापरवाही उजागर होने के बाद सरकार ने उसके माध्यम से खरीदी अधिकार हटा दिए थे। सरकारी स्वास्थ्य सेवा को सुचारु रखने के मेयो व मेडिकल के आवश्यक संसाधन को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी। इसके बाद 30 नवंबर 2023 को सरकार की तरफ से दो-तीन दिन में टेंडर प्रक्रिया करने की स्वीकृति दी गई थी। मेडिकल सूत्रों ने बताया कि, बीते सप्ताह टेंडर प्रक्रिया की प्रारंभिक शुुरुआत की गई है। मार्च-अप्रैल महीने तक मेडिकल को रोबोटिक सर्जरी के लिए जरुरी मशीनें मिलने की उम्मीद है।
ऐसे होगा गरीब मरीजों को लाभ : मेडिकल में अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी विभाग शुरू होने पर इसका लाभ गरीब व मध्यमवर्गीय मरीजों को मिलेगा। निजी अस्पतालों की तुलना में मेडिकल में कम खर्च पर सर्जरी हो सकेगी। यह सर्जरी वर्तमान दौर की अत्याधुनिक सर्जरी पद्धति है। इसके माध्यम से शरीर में एक छोटा का चीरा लगाया जाता है। वहां से शरीर के भीतरी अंगों का थ्री डायमेंशनल का पता लगाने एक कैमरा व अन्य एक उपकरण छोड़ा जाता है। कैमरा द्वारा शरीर का 360 डिग्री से सूक्ष्म चित्रीकरण किया जाता है। इस तरह जहां जरूरी हो वहां शल्यक्रिया आसानी से की जाती है। इस सर्जरी के बाद घाव जल्द भर जाता है। मरीज जल्द रिकवर होता है। यह शल्यक्रिया इतनी सूक्ष्म होती है कि, शरीर की अन्य पेशियों को हानि नहीं पहुंचती।
Created On :   12 Dec 2023 12:53 PM IST