परेशानी: बाघों के विचरण के लिए 25 किलोमीटर क्षेत्र चाहिए , दायरा 9 किमी में सिमटा

बाघों के विचरण के लिए 25 किलोमीटर क्षेत्र चाहिए , दायरा 9 किमी में सिमटा
  • बोर व उमरेड करांडला की स्थिति, होती है क्षेत्र के लिए लड़ाई
  • मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थिति निर्माण हो रही
  • विदर्भ में बाघ अधिक और क्षेत्र कम

सचिन मोखारकर, नागपुर। एक बाघ को विचरण करने के लिए 25 किमी का दायरा लगता है, लेकिन विदर्भ में बाघों की संख्या ज्यादा व क्षेत्र कम रहने से बाघों को 9 किमी दायरे में ही सिमट कर रहना पड़ रहा है। इस कारण जहां एक ओर बाघों की आपसी लड़ाई ज्यादा हो रही है, वहीं दूसरी ओर मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थितिपैदा हो रही है। वर्तमान में विदर्भ के बोर व्याघ्र प्रकल्प व उमरेड करांडला में ऐसी स्थिति देखने मिल रही है।

बाघों का बढ़ रहा कुनबा : कुछ समय पहले तक बाघों का ठीक से संरक्षण नहीं हो पा रहा था, जिसके चलते अवैध शिकार, खेतों में लगे विद्युत तार आदि के संपर्क में आकर कई बाघों की जान चली जाती थी। वन विभाग की ओर से गत 4 साल में बाघों के प्रति बहुत ज्यादा सतर्कता दिखाते हुए कार्य किया जा रहा है, इसलिए बाघों की संख्या बढ़ रही है।

मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थिति : नागपुर से जुड़ा बोर व्याघ्र प्रकल्प एक छोटा क्षेत्र है, जिसमें बोरधरण, न्यू बोर, कवडस, बांगडापुर, हिंगनी वाइल्ड लाइफ व नागपुर का कुछ क्षेत्र आता है। यहां पूरे जंगल का दायरा 138 किमी तक है। जानकारों की मानें तो एक बाघ को अपने क्षेत्र के लिए 25 किमी का दायरा जरूरी होता है। लेकिन यहां कुल 14 बाघ हैं, वहीं 15वां नया बाघ आने की तैयारी में है। ऐसे में एक बाघ को 9.5 किमी के दायरे में रहना पड़ रहा है। ऐसे में आये दिन बाघों की आपस में क्षेत्र के लिए लड़ाई होती रहती है। कई बाघ घायल हो जाते हैं। कई बार तो चोट गंभीर रहने पर कमजोर बाघ की मौत भी हो जाती है। यही नहीं, कई बार हारने वाला बाघ क्षेत्र की तलाश में जंगल के बाहर निकल जाता है। इस कारण कई बार वह इंसानों के इलाकों में आ जाता है और मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है।

उमरेड करांडला के हाल : नागपुर जिले के उमरेड़ करांडला की बात करें तो यहां 189 वर्ग किमी में जंगल फैला है, जहां 5 से 7 बाघ रह सकते हैं। लेकिन ताडोबा, ब्रम्हपुर आदि जगहों से लगातार बाघों के आने से यहां गत वर्ष 13 बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई थी। ऐसे में जगह कम व बाघ ज्यादा की स्थिति से बाघों की क्षेत्र के लिए संघर्ष होना शुरू हुआ है।

Created On :   20 Feb 2024 5:07 AM GMT

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