तफ्तीश: आरटीओ का गोलीकांड प्रकरण, क्राइम ब्रांच ने कमरे का दोबारा पंचनामा कर बैलिस्टिक विभाग को भेजा

आरटीओ का गोलीकांड प्रकरण, क्राइम ब्रांच ने कमरे का दोबारा पंचनामा कर बैलिस्टिक विभाग को भेजा
  • रिपोर्ट के बाद नई कहानी सामने आने की उम्मीद
  • पता चलेगा कितनी दूरी से गोली दागी गई
  • क्राइम ब्रांच की हर कोने पर नजर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीओ का गोलीकांड प्रकरण एक बार फिर चर्चा का विषय बन सकता है। सूत्रों के अनुसार बीते रविवार को क्राइम ब्रांच की एक टीम ने फिर बजाज नगर स्थित उस फ्लैट के कमरे का पंचनामा किया है, जिसमें आरटीओ निरीक्षक संकेत गायकवाड़ पर गोली दागी गई थी। क्राइम ब्रांच ने यह पंचनामा बैलिस्टिक विभाग को भेजा है। पुलिस महकमे में बैलिस्टिक विभाग बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। दोबारा भेजे गए पंचनामा से यह पता चल सकेगा कि, संकेत गायकवाड़ पर कितनी दूरी से गोली दागी गई थी।

घटनास्थल के हर कोने का पंचनामा : क्राइम ब्रांच की टीम ने घटनास्थल के हर कोने के बारे में जानकारी लेकर पंचनामा तैयार किया है। जिस कमरे में गोली चलाई गई थी, वह कमरा कितने स्क्वेयर फीट का है, कमरे में सोफे या कुर्सियां कहां रखी थीं। संकेत किस दिशा में बैठे थे। इस तरह के कई सवालों को मद्देनजर रखते हुए क्राइम ब्रांच ने पंचनामा कर बैलिस्टिक विभाग को भेजा है। बैलिस्टिक विभाग रिपोर्ट तैयार कर क्राइम ब्रांच को सौंपेगा। इस रिपोर्ट से पता चलगा कि, संकेत पर कितनी दूरी से गोली चलाई गई। इस बात का भी खुलासा होगा कि, एक पैर को छेदकर गोली दूसरे पैर में जाकर कैसे घुसी थी। गौरतलब है कि, इस मामले में आरटीओ अधिकारी गीता शेजवल पर गोली चलाने का मामला दर्ज हुआ है।

फ्लैट छोड़ चुके हैं संकेत गायकवाड़ : संकेत गायकवाड़ ने बजाज नगर में जो फ्लैट किराए पर लिया था, अब छोड़ चुके हैं। जब क्राइम ब्रांच की टीम उस फ्लैट में दाखिल हुई तब पुलिस को यह पता चला कि, इस फ्लैट में संकेत गायकवाड़ रहते थे, अब उसमें दूसरा परिवार रहता है। पुलिस ने परिचय देने पर उस परिवार ने कमरे का पंचनामा तैयार करने में मदद की। इस मामले को लेकर फिर नई कहानी सामने आने की उम्मीद की जा रही है। बता दें कि, इस मामले में संकेत गायकवाड़ पर भी बजाज नगर थाने में मामला दर्ज है।

क्या है बैलिस्टिक विभाग : बैलिस्टिक विभाग में रिवॉल्वर, पिस्तौल, असॉल्ट राइफल, कार्बाइन और गोला-बारूद जैसे घातक हथियारों की जांच की जाती है। यह विभाग गोला-बारूद के अवशेषों, कपड़ों, त्वचा, खिड़की के शीशों आदि पर गोली के छेद और गोलीबारी की दूरी की जांच के लिए काम करता है। अपराध स्थल से फायर की गई गोलियों का वार और फायर किए गए कारतूस के मामलों पर फायरिंग पिन इंप्रेशन की तुलना करने के लिए एक तुलनात्मक माइक्रोस्कोप का उपयोग किया जाता है। इस विभाग में स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप (एसईएम) का उपयोग, गनशॉट अवशेष विश्लेषण, बंदूक की पहचान (गोलियां और खाली कारतूस) जैसे विभिन्न फॉरेंसिक बैलिस्टिक का उपयोग किया जाता है।

Created On :   28 Feb 2024 2:21 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story