कार्यप्रणाली: शिक्षा विभाग में वेतन गड़बड़ी का अजीबोगरीब कारनामा ,पहले ज्यादा वेतन दिया, अब लौटाने का फरमान

शिक्षा विभाग में वेतन गड़बड़ी का अजीबोगरीब कारनामा ,पहले ज्यादा वेतन दिया, अब लौटाने का फरमान
  • खता किसी की, सजा सभी को
  • शिक्षकों की शिकायत पर गड़बड़ी का खुलासा
  • कह रहे- फरवरी में सैलरी नहीं देंगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर पंचायत समिति के शिक्षा विभाग में वेतन गड़बड़ी का अजीबोगरीब कारनामा उजागर हुआ है। दिसंबर और जनवरी महीने में किसी के खाते में ज्यादा, तो किसी के खाते में कम वेतन जमा हुआ। जिनके खाते में ज्यादा रकम जमा हुई, उन्हें पंचायत समिति के बैंक खाते में लौटाने का गटशिक्षणाधिकारी ने फरमान जारी किया है। अतिरिक्त रकम लौटाए बिना फरवरी महीने का मार्च में देय वेतन अदा नहीं करने की चेतावनी दी है।

377 शिक्षकों के खाते में अतिरिक्त रकम : दिसंबर महीने का जनवरी और जनवरी महीने का फरवरी में शिक्षकों के बैंक खाते में वेतन जमा किया गया। 377 शिक्षकों के खाते में 2 हजार से 20 हजार रुपए अतिरिक्त रकम जमा किए जाने की जानकारी मिली है। अनेक शिक्षकों के खाते में वेतन से कम रकम जमा हुई है। शिक्षकों के शिकायत करने पर वेतन भुगतान में गड़बड़ी का खुलासा हुआ।

गलती पर पर्दा डाल रहा विभाग : शिक्षा विभाग अपनी गलती पर पर्दा डाल रहा है। शिक्षकों को बताया जा रहा है कि शिक्षकों के वेतन की शालार्थ प्रणाली में खराबी आने से वेतन कम, ज्यादा भुगतान होने की गड़बड़ी हुई है। खास बात यह है कि सभी शिक्षकों का वेतन शालार्थ प्रणाली से होता है। नागपुर जिला परिषद की 13 तहसील है। अन्य 12 तहसीलों में इस प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई। अकेला नागपुर पंचायत समिति में गड़बड़ी हुई है।

नागपुर पंस का विवादों से नाता : नागपुर पंचायत समिति का शिक्षा विभाग का हमेशा विवादों से नाता रहा। आरटीई प्रवेश प्रक्रिया में धांधली, शिक्षकों का समायोजन, शिक्षकों पर दबाव डालकर अतिरिक्त काम करने की सख्ती आदि प्रकरणों को लेकर चर्चा में रहा। अब शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन भुगतान कर उसे लौटाए बिना फरवरी महीने का वेतन खाते में जमा नहीं करने की नोटिस देकर दबाव बनाया जा रहा है।

ऐसे होता है वेतन भुगतान : शालार्थ प्रणाली के माध्यम से मुख्याध्यापक ऑनलाइन वेतन बिल तैयार करते हैं। उसे पंचायत समिति स्तर पर गटशिक्षणाधिकारी को ऑनलाइन भेजा जाता है। उसके बाद शिक्षणाधिकारी, मुख्य लेखा व वित्त अधिकारी उसे मंजूरी प्रदान करते हैं। वेतन अनुदान मंजूर होने के बाद बैंक शेड्यूल के अनुसार शिक्षकों के बैंक खाते में जमा किया जाता है। दो महीने लगातार गड़बड़ी होने पर भी गलती किसी के पकड़ में नहीं आना आश्चर्यजनक है।

गड़बड़ी की जांच करें : शिक्षकों के वेतन में दो महीने से गड़बड़ी हो रही है। आगे पुनरावृत्ति टालने व गड़बड़ी की जांच करने की शिक्षक संगठन समन्वय समिति ने जिप प्रशासन से की है।

बाह्य व्यक्ति से गड़बड़ी की आशंका : शालार्थ प्रणाली का संचालन करने तहसील स्तर पर वेतन लिपिक को समन्वयक नियुक्त किया जाता है। नागपुर पंचायत समिति में बाह्य व्यक्ति को यह जिम्मेदारी सौपी जाने की सूत्रों से जानकारी मिली है। इस विषय में जानकारी लेने प्रभारी गटशिक्षणाधिकारी प्रमोद नाट से फोन पर संपर्क करने पर उन्होंने बात करने से टाल दिया।

Created On :   23 Feb 2024 11:03 AM IST

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