लापरवाही: अंबाझरी बांध का 2000 से पहले का रिकार्ड ही नहीं, मनपा ने खड़े किए हाथ

अंबाझरी बांध का 2000 से पहले का रिकार्ड ही नहीं, मनपा ने खड़े किए हाथ
  • हाई कोर्ट में मनपा आयुक्त का शपथ-पत्र
  • बांध इंजीनियरिंग में विशेषज्ञ का भी रोना
  • अंबाझरी बांध की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अंबाझरी बांध की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर है। इस मामले में कोर्ट ने अंबाझरी स्थित विवेकानंद स्मारक स्थापित करने से पहले और बाद की स्थिति का ब्योरा देने मनपा और नासुप्र को आदेश दिया था। सोमवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में मनपा आयुक्त ने कोर्ट में शपथ-पत्र दायर करते हुए बताया कि मनपा के पास उपलब्ध कार्यालय रिकार्ड में वर्ष 2000 से पहले अंबाझरी स्पिल-वे और टेल चैनल के माप उपलब्ध नहीं है। इसलिए मनपा ने वर्ष 2000 से पहले और उसके बाद के वर्षों के मापों के बारे में तथ्यों और आंकड़ों का पता लगाने के लिए महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर से संपर्क किया है।

निर्माण पर आपत्ति : पिछले साल सितंबर में अंबाझरी परिसर में बाढ़ आई और हजारों लोगों को नुकसान सहना पड़ा। मामले की न्यायालयीन जांच की मांग करते हुए नुकसानग्रस्त रामगोपाल बचुका, जयश्री बनसोड, नत्थुजी टिक्कस ने नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में अंबाझरी तालाब और नाग नदी परिसर के अवैध निर्माणों पर सवाल उठाया गया है। पीड़ितों ने याचिका में बताया कि मनपा, नासुप्र और महामेट्रो इन तीनों प्रशासनों की ओर से अंबाझरी व नाग नदी परिसर में किया हुआ निर्माण ही गलत है। इस कारण बाढ़ आई।

कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ : पिछली सुनवाई में राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने राज्य के नगर रचना विभाग के प्रधान सचिव द्वारा दायर शपथ-पत्र की जानकारी देते हुए विवेकानंद स्मारक और नाग नदी का हाइड्रोलिक अध्ययन एवं रिपोर्ट तैयार करने के लिए 7 महीने का समय देने का कोर्ट से अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट अध्ययन की मांग पर संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने मनपा और नासुप्र को विवेकानंद स्मारक स्थापित करने के पहले और बाद में अंबाझरी बांध व प्रवाह की स्थिति के बारे में जानकारी पेश करने के आदेश दिए थे।

गुरुवार को होगी सुनवाई : सोमवार को हुई सुनवाई में मनपा आयुक्त ने कोर्ट में शपथ-पत्र दायर करते हुए बताया कि 2000 से पहले अंबाझरी स्पिल-वे और टेल चैनल के माप का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। साथ ही मनपा के पास बांध इंजीनियरिंग में विशेषज्ञ कर्मचारी नहीं होने की भी बात रखी। कोर्ट ने प्रतिवादियों द्वारा दायर शपथ-पत्र िरकार्ड पर लिए और मामले पर गुरुवार को सुनवाई रखी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पैरवी की।

Created On :   23 July 2024 12:11 PM IST

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