अतिक्रमण: राष्ट्रपति के दौरे तक ही थी मेडिकल परिसर में अतिक्रमण हटाने की मुहिम

राष्ट्रपति के दौरे तक ही थी मेडिकल परिसर में अतिक्रमण हटाने की मुहिम
फिर ज्यों की त्यों स्थित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर के मेयो और मेडिकल अस्पतालों की खस्ता हालत और वहां की असुविधाओं को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका प्रलंबित है। मामले पर सोमवार को हुई सुनवाई में न्यायालय मित्र एड. अनूप गिल्डा ने मेडिकल के बाहरी परिसर के अतिक्रमण को लेकर सवाल उठाया। एड. गिल्डा ने कहा कि मेडिकल के कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आई थीं। 1 और 2 दिसंबर को राष्ट्रपति का दौरा ध्यान में लेते हुए महानगर पालिका ने मेडिकल के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने का अतिक्रमण हटाया था। जैसे ही राष्ट्रपति का दौरा खत्म हुआ, वैसे ही मुख्य प्रवेश द्वार के सामने फिर से अतिक्रमण किया गया है। अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई कार्रवाई भी नहीं की जा रही है।

नहीं हो रहा आदेश का पालन : सोमवार को न्या. अनुजा प्रभुदेसाई और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई, तब एड. गिल्डा ने अतिक्रमण के मुद्दे पर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया। मेडिकल के मुख्य द्वार के सामने बड़े पैमाने हुए अतिक्रमण के चलते एंबुलेंस को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने मनपा को मेडिकल के मुख्य द्वार के सामने से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं, साथ ही 30 नवंबर तक यह कार्रवाई पूरी करने आैर यहां फिर से अतिक्रमण न हो, इसकी भी जिम्मेदारी लेने का स्पष्ट आदेश दिया था, लेकिन कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है ऐसा एड. गिल्डा ने कहा।

21 दिसंबर तक जवाब दायर करें : उन्होंने कहा कि मेडिकल के डॉक्टरों ओर कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने के लिए पुलिस उपायुक्त की अध्यक्षता में 8 सदस्यीय सुरक्षा समिति कोर्ट ने गठित की है। इस सुरक्षा समिति ने सुरक्षा योजना के बारे में अब तक कोई भी जानकारी कोर्ट में पेश नहीं की है। इसके अलावा डिजिटल कार्डिएक लैब, लीनियर एक्सीलेरेटर आदि मुद्दों को भी उठाया। कोर्ट ने इन सभी मुद्दों पर 21 दिसंबर तक जबाव दायर करने के आदेश दिए हैं।

Created On :   19 Dec 2023 8:18 AM GMT

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