कोर्ट-कचहरी: अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई के तथ्यों की जांच करने कोर्ट के आदेश

अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई के तथ्यों की जांच करने कोर्ट के आदेश
  • हाईकोर्ट ने दिया संयुक्त समिति को आदेश
  • अनुरोध खारिज - कारण मत बताओ, कार्रवाई करो
  • कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर और आसपास के इलाकों के अवैध निर्माण हटाने को लेकर बाम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने कार्रवाई की जांच के लिए संयुक्त पर्यवेक्षी समिति गठित की है। इस मामले पर शुक्रवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मनपा, नासुप्र और नागपुर महानगर विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) द्वारा अवैध निर्माण हटाने को लेकर की गई कार्रवाई के तथ्यों की जांच करने के लिए इस समिति को आदेश दिए हंै। कोर्ट के आदेश के अनुसार समिति को तीनों प्रशासन द्वारा दिए गए कार्रवाई के आंकड़ों की जांच करके शपथपत्र दायर करना है। मामले पर हुई सुनवाई में प्रशासन ने बारिश शुरू होने का कारण बताते हुए कोर्ट से अवैध निर्माण के खिलाफ कुछ समय के लिए कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया, लेकिन कोर्ट ने अनुरोध खारिज करते हुए कहा कि कारण मत बताओ, कार्रवाई करो।

पिछली बार कड़ी फटकार लगाई थी : नागपुर खंडपीठ में अजय तिवारी ने जनहित याचिका दायर करके जिले में सभी अवैध निर्माणों को हटने की मांग की थी। बाद में तिवारी इस याचिका से अलग हो गए, लेकिन यह बेहद अहम मुद्दा है, इसलिए कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर खुद से सुनवाई करने का फैसला किया। कोर्ट ने मनपा, नासुप्र और एनएमआरडीए को अब तक कितने अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी किया गया है, वो अवैध निर्माण कौन से एरिया और गली में आते हैं और कितने अवैध निर्माण हटाए गए हैं, यह विस्तृत जानकारी दायर करने के आदेश दिए थे। पिछली सुनवाई में मनपा अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई और आंकड़े के बारे में स्पष्टीकरण देने में असफल होने के कारण कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी, साथ ही 2022 से 2024 तक अवैध निर्माण हटाने को लेकर की गई कार्रवाई की जानकारी पेश करने के आदेश दिए थे।

अगली सुनवाई 5 अगस्त को : मामले पर शुक्रवार को न्या. नितीन सांबरे और न्या. अभय मंत्री के समक्ष हुई सुनवाई में मनपा, नासुप्र और एनएमआरडीए द्वारा शपथपत्र दायर करते हुए कार्रवाई की जानकारी प्रस्तुत की गई। इस पर कोर्ट ने संयुक्त पर्यवेक्षी समिति को उक्त आदेश जारी किए। इस मामले में अगली सुनवाई 5 अगस्त को रखी गई है। न्यायालय मित्र के तौर पर एड. अपूर्व डे, मनपा की ओर से एड. जेमिनी कासट, नासुप्र की ओर से एड. गिरीश कुंटे और राज्य सरकार की ओर से एड. दीपक ठाकरे ने पैरवी की।

639 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई : मनपा द्वारा दायर किए शपथपत्र के अनुसार, मनपा ने मई 2022 तक 10 जाेन में अवैध निर्माण को लेकर कुल 1521 नोटिस दिए। उनमे से 1175 अवैध निर्माण ए-कैटगरी में आते हैं, जिन पर कार्रवाई करने के लिए कोई कानूनी बाधा नहीं है। इसी के चलते 30 जून 2024 तक 639 अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की गई।

Created On :   13 July 2024 9:27 AM GMT

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