कार्रवाई: फेक आईटीसी का मामला , सरकार को 13 करोड़ रुपए से अधिक का चूना

फेक आईटीसी का मामला , सरकार को 13 करोड़ रुपए से अधिक का चूना
  • जीएसटी ने 10 कारोबारियों पर की कार्रवाई
  • जीएसटी (प्रिवेंटीव) नागपुर ने किया फेक आईटीसी का पर्दाफाश
  • वेस्ट पेपर की खरीदी-बिक्री से जुड़े दस्तावेज जब्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केवल कागज पर खरीदी-बिक्री का व्यवहार कर सरकार से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेकर 13 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाने का मामला सामने आया है। जीएसटी (प्रिवेंटीव) नागपुर ने फेक आईटीसी का पर्दाफाश करते हुए शहर के 10 पेपर कारोबारियों पर कार्रवाई की है। जीएसटी विभाग ने संबंधित कारोबारियों के इंडस्ट्री व प्रतिष्ठानों की जांच-पड़ताल कर वेस्ट पेपर की खरीदी-बिक्री से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं।

जानकारी जुटाई, फिर कार्रवाई : जीएसटी के खुफिया ब्यूरो को जानकारी मिली थी कि वेस्ट पेपर की खरीदी-बिक्री से जुड़े शहर के कारोबारी गलत तरीके से आईटीसी का लाभ लेकर सरकार को चूना लगा रहे हैं। जीएसटी के खुफिया ब्यूरो ने इन कारोबारियों पर नजर रखी आैर वेस्ट पेपर संबंधी डेटा इकट्ठा किया। साथ ही वेस्ट पेपर बेचकर कितनी आईटीसी हड़प ली आैर सरकार को कितने राजस्व का नुकसान हुआ, इसकी जानकारी इकट्ठा की। पुख्ता जानकारी जुटाने के बाद जीएसटी (प्रिवेंटिव) ने करीब एक दर्जन जगहाें पर छापामार कार्रवाई कर वेस्ट पेपर के रिकार्ड से जुड़े दस्तावेज जब्त किए।

स्क्रैप पेपर की वास्तव में खरीदी ही नहीं : पेपर स्क्रैप पर 5 फीसदी जीएसटी लगती है। इन कारोबारियों ने कागज पर वेस्ट पेपर की खरीबी-बिक्री बताकर खुद ही इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ ले लिया। इस तरह सरकार को 13 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान हुआ। जांच में पता चला कि स्क्रैप पेपर की वास्तव में खरीदी ही नहीं हुई। केवल बिल खरीदकर व्यवहार बताया जा रहा था। इसमें पूरी चेन काम कर रही थी। एक-दूसरे की चेन बनाकर सरकार की आंखों में धूल झोंकने का काम किया।

मामले को लेकर बरती जा रही गोपनीयता : अभी 10 कारोबारियों पर कार्रवाई हुई और आगे और भी वेस्ट पेपर से जुड़े कारोबारी रडार पर आ सकते हैं। स्क्रैप पेपर व स्टेशनरी से जुड़े कारोबारियों ने मिलकर इस गोरखधंधे को अंजाम दिया है। जीएसटी की तरफ से पूरे मामले को लेकर गोपनीयता बरती जा रही है।


Created On :   26 Jun 2024 5:44 AM GMT

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