सावधान!: उपराजधानी में लेप्टोस्पायरोसिस के 9 मरीज, राज्य में 186 मरीज, चंद्रपुर में एक की मौत

उपराजधानी में लेप्टोस्पायरोसिस के 9 मरीज, राज्य में 186 मरीज, चंद्रपुर में एक की मौत
  • लेप्टोस्पायरोसिस नामक बीमारी वायरस के कारण होती है
  • अचानक शुरू होते हैं लक्षण
  • सावधानी में ही सुरक्षा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में लेप्टोस्पायरोसिस के 9 मरीज पाए गए हैं। बात महाराष्ट्र कि करें तो राज्य में 186 मरीज अबतक पीड़ित हैं। तो उधर चंद्रपुर में इस बीमारी से एक की मौत हो चुकी है। बरसात के दौरान मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ चुका है। वहीं मच्छरों के कारण मलेरिया, डेंगू, चिकन गुनिया भी डरा रहे हैं। अब जिले में लेप्टोस्पायरोसिस के 9 मरीज दर्ज हुए हैं। इसलिए जहां जलजमाव हो वहां जाने से बचने का आह्वान स्वास्थ्य विभाग ने किया है। लेप्टोस्पायरोसिस नामक बीमारी वायरस के कारण होती है। इसका प्रसार चूहे, सुअर, पालतु जानवर आदि के मूत्र से फैलती है। इस बीमारी के वायरस जलजमाव होने पर या कीचड़ में पैदा होते हैं। जानवरों के मूत्र से दूषित हो चुके पानी, बाजार से लायी गई सामग्री, सब्जियां आदि के संपर्क में मनुष्य की त्वचा आने पर यह बीमारी होती है। जिन लोगों को जख्म होता है, उन्हें यह बीमारी जल्दी घेर लेती है। शहर में अब तक 2 व ग्रामीण क्षेत्र में 7 मरीज मिले हैं। शहर के सतरंजीपुरा व धरमपेठ जोन में 1-1 मरीज मिला है। राज्य में 186 मरीज दर्ज हुए है। इनमें से एक की मौत हाे चुकी है। मृतक चंद्रपुर जिला निवासी होने की जानकारी सूत्रों ने दी है। इसके अलावा ठाणे, रायगड, पालघर, रत्नागिरी, कोल्हापूर, मुंबई, जलगांव, अमरावती व चंद्रपूर में सर्वाधिक मरीज पाए गए हैं।


होते हैं संक्रमित

लेप्टोस्पायरोसिस बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो इंसानों और जानवरों दोनों को संक्रमित कर सकता है। लेप्टोस्पायरोसिस जानवरों के मूत्र और मल के माध्यम से फैलता है। इस जीवाणु को लेप्टोस्पाइरा कहा जाता है। लेप्टोस्पाइरा जीनस (genus) के बैक्टीरिया के कारण होता है। इंसानों में लेप्टोस्पाइरा के कई तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। जिनमें कई अन्य बीमारियों के लक्षणों से मिलते हैं। लेप्टोस्पायरोसिस कोई मामूली बीमारी नहीं है। इलाज न होने से किडनी डैमेज, लिवर फेल, सांस संबंधी समस्या हो सकती है। लेप्टोस्पायरोसिस सीवेज जैसे दूषित पानी के संपर्क में आने से होता है। इस संक्रमण के संपर्क में आने और बीमार होने के बीच का समय 2 दिन से 4 सप्ताह तक हो सकता है।

अचानक शुरू होते हैं लक्षण

बुखार और अन्य लक्षणों के साथ कुछ मामलों में लेप्टोस्पायरोसिस दो चरणों में हो सकता है। पहले चरण के बाद (बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी या दस्त के साथ) रोगी कुछ समय के लिए ठीक हो सकता है, लेकिन फिर बीमार हो जाता है। जबकि दूसरे चरण में यह लक्षण बेहद गंभीर हो जाते हैं; वहीं, कुछ लोगों में किडनी या लिवर फेलियर हो सकता है।

Created On :   9 Aug 2024 6:58 PM IST

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