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आर्गन डोनेट: विद्यार्थी के अंगदान से मिला तीन लोगों को मिला जीवन, एक्सीडेंट के बाद हुआ था ब्रेनडेड
- नेत्रदान से दो दृष्टिहीनों को मिलेगी रोशनी
- आठ दिन पहले हुआ था एक्सीडेंट
- अंगदान का महत्व बताकर परिजनों को किया तैयार
डिजिटल डेस्क, नागपुर । जयताला स्थित झंडा चौक निवासी 20 साल के विद्यार्थी आशीष रामभाऊ मडावी दोपहिया वाहन स्लिप होने से गिर गया था। आठ दिन तक मेडिकल में उसका उपचार चला, लेकिन उपचार को प्रतिसाद नहीं मिल रहा था। अंतत: डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित किया। परिजनों का समन्वय कर उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित किया गया। अंगदान से तीन को नया जीवन व दो दृष्टिहीनों को रोशनी मिलेगी।
दोपहिया वाहन हुआ था असंतुलित : प्राप्त जानकारी के अनुसार अाशीष आईटीआई में पढ़ रहा था। 6 अप्रैल को वह अपने दोपहिया वाहन से महाविद्यालय से घर जा रहा था। अचानक वाहन असंतुलित हुआ व आशीष दोपहिया समेत नीचे गिर गया। उसे गंभीर चोटें आई थीं। उसे मेडिकल के ट्रामा केयर यूनिट में भर्ती किया गया। आठ दिन तक उस पर उपचार किया गया। मेडिकल के अलग-अलग टीम ने दिन-रात प्रयास कर आशीष को जीवन देने का पूरा प्रयास किया, लेकिन प्रतिसाद ही नहीं मिल रहा था। उसकी तबीयत और बिगड़ रही थी। मेडिकल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अविनाश गावंडे के मार्गदर्शन में आशीष की दिन-रात निगरानी कर सभी तरह की जांच की गई। आशीष के मस्तिष्क में तीव्र रक्तस्त्राव हुआ था। न्यूरोसर्जन डॉ. कालबगवार, डॉ. सोमा चाम, डॉ. मेधा संगावार, डॉ. कमलेश मेश्राम, डॉ. वैष्णवी कुलकर्णी, डॉ. प्रसन्नजीत ढवले आदि ने आशीष की जांच के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित किया।
गम भुलाकर परिजनों ने दी अंगदान की अनुमति : मेडिकल की डॉ. सोमा चाम, समाजसेवा अधीक्षक भाग्यश्री निघोट व श्याम पंजाला आदि ने आशीष के परिजनों का अंगदान के लिए समुपदेशन किया। आशीष के पिता रामभाऊ राज्य राखीव दल में सेवारत है। उन्होंने अंगदान के महत्व को समझा। अपने गम को किनारे रख अंगदान के लिए सहमति दी। अनुमति मिलते ही अंगदान के लिए सभी दस्तावेज प्रक्रिया पूरी की गई। अंगदान के बारे में विभागीय अंग प्रत्यारोपण समिति को जानकारी दी गई। समिति की टीम ने अंगों के लिए प्रतीक्षा कर रहे मरीजों की सूची की पड़ताल की।
सूची के अनुसार आशीष का लिवर व एक किडनी वोक्हार्ड हास्पिटल के मरीजों पर प्रत्यारोपित किया गया। दूसरी किडनी मेडिकल से संलग्न सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उपचार ले रहे एक मरीज पर प्रत्यारोपित की गई। मेडिकल के अधिष्ठाता डॉ. राज गजभिये ने आशीष के अंगदान किए जाने पर परिजनों के प्रति आभार व्यक्त किया। महाराष्ट्र सुरक्षा दल की उपस्थिति में आशीष के पार्थिव पर पुष्पचक्र अर्पित कर सलामी दी गई। आशीष के दोनों कार्निया मेडिकल की आई बैंक को सौंपी गई। इससे दो दृष्टिहीनों को रोशनी मिलेगी। दिनेश मंडपे के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी की गई।
Created On :   17 April 2024 8:21 AM GMT