कोर्ट-कचहरी: छात्रावास में ऑफलाइन प्रवेश पर हाईकोर्ट सख्त, ‌अनियमितता की जांच कराने जनहित याचिका दायर

छात्रावास में ऑफलाइन प्रवेश पर हाईकोर्ट सख्त, ‌अनियमितता की जांच कराने जनहित याचिका दायर
  • एक सप्ताह में जबाब देने के निर्देश
  • ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया पर सवालिया निशान
  • अगली सुनवाई 8 मई को होगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समाज कल्याण विभाग अंतर्गत जिले में 14 छात्रावास का संचालन होता है। छात्रावास में प्रवेश के लिए ऑफलाइन प्रक्रिया होती है। योग्य और जरूरतमंद विद्यार्थियों के बजाय अधिकारियों के करीबी और सिफारिश के आधार पर विद्यार्थियों को प्रवेश देकर अनियमितता का आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता विनोद गजभिये ने जनहित याचिका दायर की है। गुरुवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नितीन सांबरे और न्यायमूर्ति अभय मंत्री की खंडपीठ ने ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाते हुए एक सप्ताह में जबाब देने का निर्देश दिया है। साथ ही समाज कल्याण विभाग को यह खुलासा करने को कहा है कि ऑनलाइन प्रक्रिया कब से क्रियान्वित है। मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी।

सुविधा नहीं, तो मरीज भर्ती ही क्यों करते हैं

उच्च न्यायालय ने मेयो अस्पताल से 8 मई तक मांगा स्पष्टीकरण : इंदिरा गांधी शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व रुग्णालय (मेयो) में मरीजों की तुलना में मंजूर बेड संख्या, कर्मचारी, चिकित्सा उपकरण आदि जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने मेयो के अधिष्ठाता से इस मामले में 8 मई तक स्पष्टीकरण मांगा है।

594 बेड मंजूर, 880 मरीज भर्ती रखे जाते हैं : विदर्भ के सरकारी अस्पताल के विविध विषयों के संबंध में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रलंबित है। गुरुवार को इस पर न्या. अविनाश घरोटे व मुकुलिका जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई। न्यायालय मित्र एडवोकेट अनूप गिल्डा ने मेयो की समस्या पर ध्यानाकर्षण किया। मेयो में वर्तमान में 594 बेड मंजूर हैं, जबकि वहां 880 मरीज भर्ती रखे जाते हैं। इस कारण यहां कर्मचारी, चिकित्सा उपकरण, नर्सिंग कर्मचारी आदि जरूरी सुविधाओं की कमी महसूस की जा रही है। यहां क्लर्क के 50 फीसदी पद रिक्त हैं। जानकारी के बाद न्यायालय ने अधिष्ठाता से तमाम मुद्दों पर स्पष्टीकरण मांगा है। इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए 3 टी एमआरआई मशीनें खरीदने के नए प्रस्ताव को 15 दिन में प्रशासकीय मान्यता देने का आदेश राज्य सरकार को दिए गए है। सरकार की तरफ से एडवोकेट फिरदौस मिर्झा व एडवोकेट दीपक ठाकरे ने कामकाज देखा।


Created On :   3 May 2024 1:59 PM IST

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