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अंदरूनी सियासत: शिवसेना (शिंदे) विधायकों की अयोग्यता के फैसले पर अजित गुट में कहीं खुशी और कहीं गम का माहौल
- अजित गुट में कहीं खुशी और कहीं गम का माहौल
- शिवसेना (शिंदे) विधायकों की अयोग्यता का फैसला
- अजित गुट में कहीं खुशी और कहीं गम
डिजिटल डेस्क, मुंबई, सोमदत्त शर्मा। शिवसेना (शिंदे) विधायकों की अयोग्यता के मामले में शिंदे गुट के पक्ष में तो फैसला आ गया है, लेकिन इस फैसले से अजित पवार कैंप में कहीं खुशी और कहीं गम वाली स्थिति देखने को मिल रही है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले के बाद अब राकांपा (अजित) विधायक अपने आप को थोड़ा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनपर भी अयोग्यता की तलवार लटकी हुई है। वहीं अजित पवार को मुख्यमंत्री के रूप में देखने वाले विधायकों में गम का माहौल है। इन विधायकों का मानना है कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अयोग्य घोषित हो जाते तो फिर अजित पवार मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे थे।
बुधवार को जब शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता का फैसला आया तो शिंदे गुट के साथ-साथ भाजपा और अजित पवार के खेमे में भी खुशी देखने को मिली थी। क्योंकि इस फैसले से राज्य की सरकार बच गई थी। अजित गुट के विधायकों पर भी अयोग्यता की तलवार लटकी हुई है, लिहाजा इन्हें इस बात की खुशी हुई है कि जिस तरह से एकनाथ शिंदे ने दो तिहाई से ज्यादा विधायकों के साथ अलग गुट बनाकर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। वैसे ही अजित गुट के विधायकों ने भी किया था। दो तिहाई से ज्यादा विधायकों के साथ अजित पवार भी राकांपा को छोड़कर शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए थे। अब राकांपा के विधायकों की अयोग्यता के मामले की सुनवाई भी शुरू हो चुकी है और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को 31 जनवरी तक इस मामले में फैसला देना है। लिहाजा शिंदे गुट के पक्ष में आए फैसले से वह ज्यादा तनाव में नहीं दिख रहे हैं। अजित गुट के एक विधायक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया की विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने बड़ी चतुराई के साथ फैसला दिया है। लिहाजा वह भी अपने मामले में इस तरह के ही फैसले की उम्मीद कर रहे हैं।
अजित गुट के एक दूसरे विधायक ने कहा कि वह शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता के मामले में उलटे फैसले की आस में थे। हालांकि फैसला शिंदे के पक्ष में आने से उन्हें निराशा मिली है। इस विधायक ने यह भी बताया कि अगर एकनाथ शिंदे को अयोग्य घोषित कर दिया जाता तो फिर उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ता। ऐसे में अजित पवार मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे आ जाते। हालांकि ऐसा नहीं हो सका। गौरतलब है कि अजित गुट के विधायक पहले भी अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने को लेकर बयान दे चुके हैं। ऐसे में शिंदे के अयोग्य नहीं होने के चलते अजित पवार गुट के लोगों का सपना टूट गया है।
प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी में पास हुआ विस अध्यक्ष के फैसले पर निंदा प्रस्ताव
प्रदेश कांग्रेस की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक राज्य के प्रभारी रमेश चेन्निथला और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले की मौजूदगी में गुरुवार को तिलक भवन में आयोजित की गई। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाए जाने का विरोध करते हुए फैसले के विरोध में निंदा प्रस्ताव पास किया गया। चेन्निथला ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता के मामले में लोकतंत्र का गला घोटा है। ऐसे में उनके फैसले का समर्थन नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी दल शिवसेना (उद्धव) ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाने का फैसला किया है। अब हमें न्याय की उम्मीद सुप्रीम कोर्ट से है।
Created On :   11 Jan 2024 9:21 PM IST