मनोरंजन: अन्नू कपूर अभिनीत फिल्म 'हमारे बारह' के दो विवादित उद्घोष हटाने के निर्देश

अन्नू कपूर अभिनीत फिल्म हमारे बारह के दो विवादित उद्घोष हटाने के निर्देश
  • हाईकोर्ट के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को निर्देश
  • नए सिरे से सेंसर सर्टिफिकेट देने को कहा
  • गुरुवार को ही फिल्म से हटा दिया था प्रतिबंध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अन्नू कपूर अभिनीत हिंदी फिल्म 'हमारे बारह' के दो विवादित उद्घोष (डायलॉग) हटाने के निर्माता रवि एस.गुप्ता को निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को दो उद्घोष हटाने के बाद फिल्म को नए सिरे से सेंसर सर्टिफिकेट देने को कहा है। हालांकि अदालत ने गुरुवार को ही फिल्म की अन्नू कपूर की फिल्म पर से प्रतिबंध हटा दिया था।

न्यायमूर्ति कमल खाता और न्यायमूर्ति पाटिल राजेश एस.पाटिल की खंडपीठ के के समक्ष शुक्रवार को फिल्म 'हमारे बारह' के निर्माता रवि एस.गुप्ता की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। पुणे निवासी अजहर तंबोली की ओर से वकील मयूर खांडेपारकर ने खंडपीठ को बताया कि सीबीएफसी ने हमारे बारह फिल्म से 12 विवादित उद्घोष हटाए हैं, लेकिन अभी भी मुस्लिम समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले दो उद्घोष हैं। उन्हें भी हटाया जाना चाहिए।

फिल्म निर्माता द्वारा अपनी फिल्म से दो उद्घोष हटाने पर सहमति जतायी। : सीबीएफसी अदालत में फिल्म के विवाद पर रिपोर्ट पेश करने में असफल रहा। इसके बाद खंडपीठ ने फिल्म निर्माता गुप्ता से फिल्म के दोनों विवादित उद्घोष हटाने और सीबीएफसी को ने सिरे से सेंसर सर्टिफिकेट देने का निर्देश दिया। अदालत ने गुरुवार को फिल्म के रिलीज करने की अनुमति दे दी थी। शुक्रवार को फिल्म देश भर कै सभी सिनेमा घरों में रिलीज हो गई। अभिनेता अन्नू कपूर ने फिल्म में एक मुस्लिम शख्स मंसूर अली खान का रोल अदा किया है, जिसकी पहली पत्नी बच्चा पैदा करते हुए मर जाती है। यह फिल्म जनसंख्या वृद्धि के लिए मुस्लिम समाज को कटघरे में खड़ा करती है।

बिल्डर ललित टेकचंदानी द्वारा निवेशकों और फ्लैट खरीदारों से 426 करोड़ लेने को माना आर्थिक अपराध : विशेष पीएमएलए अदालत ने कहा कि बिल्डर ललित टेकचंदानी द्वारा नवी मुंबई में प्रोजेक्ट के लिए निवेशकों और फ्लैट खरीदारों से 426 करोड़ रुपए लेकर उन्होंने पैसे वापस नहीं करना आर्थिक अपराध है। टेकचंदानी ने नवी मुंबई प्रोजेक्ट के नाम पर निवेशकों और फ्लैट खरीदारों से करोड़ों रुपए लिए, लेकिन उन्होंने न फ्लैटों का कब्जा दिया और न ही उनके पैसा दिए। इसके बजाय टेकचंदानी ने उन पैसों से अन्य संपत्तियां खरीदीं।

विशेष न्यायाधीश एम.जी.देशपांडे ने टेकचंदानी और 15 अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा अभियोजन पक्ष की शिकायत का संज्ञान लिया, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए थे। टेकचंदानी के हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने वाले कई निवेशकों ने उनके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा समेत राज्य भर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में धोखाधड़ी की शिकायत की थी।





Created On :   7 Jun 2024 2:48 PM GMT

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