बॉम्बे हाईकोर्ट: पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में नाबालिग को पुलिस निगरानी गृह से रिहा करने का आदेश

पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में नाबालिग को पुलिस निगरानी गृह से रिहा करने का आदेश
  • अदालत ने नाबालिग के रिमांड को अवैध बताते हुए किया रद्द
  • नाबालिग लड़के के बुवा की हेबियस कार्पस ( बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका को अदालत ने किया स्वीकार
  • मुख्यमंत्री ने मृत इंजीनियरों के परिवार वालों को दी दस-दस लाख की आर्थिक मदद

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में नाबालिग आरोपी को पुलिस निगरानी गृह से रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने उसे निगरानी गृह भेजने के रिमांड आदेश को रद्द करने की मांग करने वाली हेबियस कार्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने नाबालिग की हिरासत आदेश को अवैध मानते हुए उसे उसकी बुआ की देखभाल में सौंपने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की पीठ ने नाबालिग लड़के बुवा की हेबियस कार्पस ( बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका पर कहा कि हम बंदी प्रत्यक्षीकरण की अनुमति देते हैं और उसकी रिहाई का आदेश देते हैं। हम कानून से बंधे हैं। किशोर न्याय अधिनियम के उद्देश्य और अपराध की गंभीरता के बावजूद उसे वयस्कों से अलग कानून के साथ संघर्ष करने वाले किसी भी बच्चे के रूप में माना जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि नाबालिग आरोपी को एक मनोवैज्ञानिक के पास भेजा गया है। वह सत्र जारी रहेगा। यह कार्रवाई दुर्घटना की तत्काल प्रतिक्रिया थी।

पिछले दिनों पीठ ने इस मामले मे सुनवाई पूरी नाबालिग की बुआ की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा लिया था। याचिका में मजिस्ट्रेट और पुणे किशोर न्याय बोर्ड द्वारा पारित 22 मई और 4 जून के आदेशों को रद्द करने और नाबालिग को निगरानी गृह से रिहा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री ने मृत इंजीनियरों के परिवार वालों को दी दस-दस लाख की आर्थिक मदद

19 मई को सुबह नाबालिग कथित तौर पर नशे की हालत में बहुत तेज गति से पोर्श कार चलाते हुए पुणे के कल्याणी नगर में एक बाइक को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई। राज्य के मुख्य मंत्री एकनाथ शिंदे ने मृत दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के परिवार वालों को आर्थिक मदद के रूप में दस-दस लाख रुपए दिए। इस दौरान शिंदे ने कहा कि भले ही इस मामले में आरोपी को रिहा कर दिया गया हो, लेकिन उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Created On :   25 Jun 2024 8:44 PM IST

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