सरकारी योजना: अब केवल आंगनवाड़ी सेविकाएं स्वीकार सकेंगी लाड़ली बहन योजना का फार्म

अब केवल आंगनवाड़ी सेविकाएं स्वीकार सकेंगी लाड़ली बहन योजना का फार्म
  • सरकार ने आशा सेविकाओं समेत 11 प्राधिकृत व्यक्तियों के अधिकार किये रद्द
  • आंगनवाड़ी केन्द्रों में जाकर जमा करना होगा फार्म
  • अन्य केन्द्रों से अब नहीं स्वीकारे जाएंगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री मेरी लाड़ली बहन योजना के फार्म को केवल आंगनवाड़ी सेविकाएं स्वीकार कर सकेंगी। राज्य सरकार ने आशा सेविका, सेतु सुविधा केंद्र, ग्राम सेवक, आपले सरकार केंद्र, मदद कक्ष प्रमुख समेत अन्य 11 प्राधिकृत व्यक्तियों को फार्म स्वीकार करने के अधिकार को रद्द कर दिया है। इससे केवल आंगनवाड़ी केंद्रों में आंगनवाड़ी सेविकाएं ही महिलाओं से फार्म भर कर ले सकेंगी।

शुक्रवार को राज्य के महिला व बाल विकास विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। इससे पहले जुलाई और अगस्त में अलग-अलग शासनादेश के जरिए सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान (उमेद), महाराष्ट्र राज्य आर्थिक विकास महामंडल के समूह संगठक, मदद कक्ष प्रमुख, सिटी मिशन मैनेजर, आशा सेविका, सेतु सुविधा केंद्र, ग्राम सेवक और आपले सरकार सेवा केंद्र के प्रनिधियों समेत 11 प्राधिकृत व्यक्तियों को आवेदन फार्म स्वीकारने के लिए प्राधिकृत किया था। लेकिन अब सरकार ने इन 11 प्राधिकृत व्यक्तियों के फार्म स्वीकार करने के अधिकार को ही रद्द कर दिया है। इससे अब सिर्फ आंगनवाड़ी सेविकाओं को भी फार्म लेने का अधिकार होगा। राज्य में लाड़ली बहन योजना के लिए महिलाएं 30 सितंबर तक आवेदन फार्म भर सकेंगी।

वडणे समिति को रिपोर्ट सौंपने दो महीने का मिला समय : प्रदेश सरकार ने गोंड गोवारी समाज की समस्याओं पर अध्ययन के लिए गठित हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के एल वडणे की अध्यक्षता में समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिए और दो महीने का समय दिया है। शुक्रवार को राज्य के आदिवासी विकास विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी किया है। इससे पहले सरकार ने गोंड गोवारी समाज को अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र और वैधता प्रमाणपत्र मिलने में हो रही समस्या का अध्ययन करने के लिए बीते 6 मार्च 2024 को वडणे समिति का गठन किया था। सरकार ने वडणे समिति को छह महीने में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था। लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं मिल पाई है। इसके मद्देनजर सरकार ने वडणे समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिए और दो महीने की अवधि दिया है।

Created On :   6 Sept 2024 2:12 PM GMT

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