Mumbai News: राज्य में किसानों के लिए बनाए जाएंगे दो एप, सरकारी विभागों के मूल्यांकन के लिए खर्च होंगे 83 लाख

राज्य में किसानों के लिए बनाए जाएंगे दो एप, सरकारी विभागों के मूल्यांकन के लिए खर्च होंगे 83 लाख
  • किसानों के लिए बनाए जाएंगे दो एप
  • सरकारी विभागों के मूल्यांकन के लिए खर्च होंगे 83 लाख
  • 100 दिनों की कार्य योजना के जरिए किए कामों की होगी समीक्षा

Mumbai News. प्रदेश में किसानों के लिए सर्वसमावेशी किसान फील्ड स्कूल (एफएफएस) एप और शिक्षा प्रबंधन प्रणाली (एलएमएस) एप विकसित किया जाएगा। राज्य के कृषि विभाग ने इस बारे शासनादेश जारी किया है। इन दोनों एप को सितंबर 2025 तक शुरू किया जाएगा। इस एप के माध्यम से किसानों को फसलों के प्रबंधन और मशीनों-औजारों के इस्तेमाल, मृदा स्वास्थ्य, जल प्रबंधन और पशुसंवर्धन के बारे में वीडियो-ऑडियो सामग्री तैयार की जाएगी। फील्ड स्कूल एप के लिए कृषि आयुक्तालय, कृषि विश्वविद्यालय और महाबीज से प्रचार सामग्री जुटाई जाएगी। जबकि फसलों की बुवाई के लिए कृषि विश्वविद्यालय, कृषि आयुक्तालय और पानी फाऊंडेशन की मदद से सामग्री तैयार की जाएगी। वहीं फसलों की कटाई के बाद मूल्य श्रृंखला के लिए कृषि आयुक्तालय, स्मार्ट परियोजना और कृषि विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाएगा। यह सामग्री तैयार करने के लिए प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नागपुर के वानमती की निदेशक वसुमना पंत होंगी। इस एप के लिए संचालन समिति बनाई गई है। इस समिति के अध्यक्ष कृषि विभाग के प्रधान सचिव विकास चंद्र रस्तोगी होंगे। जबकि राज्य के कृषि आयुक्त सुरज मांढरे, नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना के परियोजना निदेशक, पुणे के बालासाहेब ठाकरे कृषि व्यवसाय व ग्रामीण परिवर्तन (स्मार्ट) के परियोजना निदेशक समेत अन्य सदस्य होंगे।

सरकारी विभागों के मूल्यांकन के लिए खर्च होंगे 83 लाख रुपए

इसके अलावा प्रदेश की महायुति सरकार प्रशासनिक विभागों और क्षेत्रिय सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालयों के 100 दिनों के कार्य योजना के कामों का अंतिम मूल्यांकन के लिए 83 लाख 17 हजार 264 रुपए खर्च करेगी। राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बारे में आदेश जारी किया है। प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभी विभागों को 100 दिनों की कार्य योजना का प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके तहत राज्य के सभी विभागों ने 100 दिनों की कार्य योजना के तहत चिन्हित कामों को 30 अप्रैल तक पूरा करना है। इन कामों के मूल्यांकन के लिए भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) की नियुक्ति की गई है। भारतीय गुणवत्ता परिषद पहले चरण में 21 अप्रैल से 28 अप्रैल 2025 के बीच 53 कार्यालयों का अंतिम मूल्यांकन करेगा। जबकि 6 मई से 14 मई के दरमियान में 53 कार्यालयों का अंतिम मूल्यांकन होगा। मूल्यांकन के काम के लिए 78 लाख 17 हजार 264 रुपए खर्च होंगे। जबकि अंतिम मूल्यांकन में उत्कृष्ट घोषित हुए विभागों और कार्यालयों के प्रमुखों को प्रमाणपत्र देने और सरकारी समारोह आयोजित करने के लिए 5 लाख रुपए मंजूर किए गए हैं।



Created On :   16 April 2025 10:06 PM IST

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