- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- सरकारी अस्पतालों-कॉलेजों में रिक्त...
Mumbai News: सरकारी अस्पतालों-कॉलेजों में रिक्त पदों को लेकर सरकार को हाईकोर्ट की फटकार
- नांदेड सरकारी अस्पताल मामले में सुनवाई
- चिकित्सा शिक्षा विभाग को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश
Mumbai News : बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य के सरकारी अस्पतालों एवं कॉलेजों में स्वीकृत पदों को न भरे जाने के मुद्दे पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। अदालत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि कई सरकारी अस्पताल एवं कालेज में 40 फीसदी से ज्यादा मेडिकल ऑफिसर, डॉक्टर और नर्सों के पद रिक्त हैं। जबकि चंद्रपुर के सरकारी अस्पताल में 80 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त हैं। ऐसे में मरीजों की देखभाल कैसे कर सकते हैं? सरकारी अस्पतालों के लिए किए गए बजटीय प्रावधान में से 60 फीसदी राशि का ही उपयोग किया गया है। अदालत ने राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग को हलफनामा दाखिल करने निर्देश दिया है।
मंगलवार को नांदेड सरकारी अस्पताल में मरीजों की मौत के मामले में स्वत: संज्ञान याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी मोहित खन्ना ने दलील दी कि पिछले 3 वर्ष से सरकारी अस्पतालों में रिक्त पदों को लेकर कोई बदलाव नहीं हुआ है। अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास स्टाफ की कमी है और उनके पास शिशुओं के लिए पर्याप्त वेंटिलेटर नहीं हैं। 558 पदों में से 139 पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए हैं। इस पर पीठ ने कहा कि पहले 2 अस्पताल पर ध्यान दें। सभी पदों को भरा जाना चाहिए, लेकिन नांदेड और छत्रपति संभाजी नगर में क्या स्थिति है? एमिकस क्यूरी खन्ना ने कहा कि नांदेड़ में पिछले 14 दिसंबर को अंतिम नोट प्रस्तुत किया गया है। जिसमें कहा गया है कि बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं हुआ है। यहां केवल 7.25 फीसदी बजट का ही उपयोग किया गया है।
पिछले साल राज्य के चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव दिनेश वाघमारे ने हलफनामा दाखिल किया था, जिसमें बताया था कि सरकार की ओर से 2023-24 में दवा खरीदने के लिए 174 करोड़ 40 लाख 2 हजार रुपए स्वीकृत किया गया था। जिसमें से चिकित्सा शिक्षा विभाग को अभी तक 30 फीसदी यानी 52 करोड़ 32 लाख 600 रुपए प्राप्त हुए हैं। इसमें से चिकित्सा और कॉलेज पर 22 करोड़ 95 लाख 74 हजार रुपए खर्च किए गए हैं।
Created On :   5 Feb 2025 8:48 PM IST