आरक्षण का आश्वासन: मुख्यमंत्री के आने पर माने जरांगे- तोड़ा अनशन, सरकार को मोहलत

मुख्यमंत्री के आने पर माने जरांगे- तोड़ा अनशन, सरकार को मोहलत
  • दिल्ली में मुझसे पूछा गया कि जरांगे पाटील कौन हैं, जिसने सबको हिला दिया है
  • अनशन खत्म होने पर खुशी - फडणवीस

डिजिटल डेस्क, मुंबई. आखिरकार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अनशन खत्म कराने के लिए मनोज जरांगे पाटील के द्वार यानी जालना में पर जाना पड़ा। गुरूवार को मुख्यमंत्री जालना के अंबड़ तहसील के अंतरवाली सराटी गांव में अनशन पर बैठे जरांगे पाटील से मुलाकात की। वे बीते 17 दिनों से मराठा समाज के सभी लोगों को बिना किसी शर्त लागू किए कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे। मुख्यमंत्री ने मराठा समाज को टिकाऊ आरक्षण देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण देने के लिए कटिबद्ध है। इसके बाद जरांगे पाटील भूख हड़ताल खत्म करने के लिए तैयार हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया। हालांकि मनोज जरांगे मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने और मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन जारी रखेंगे।

30 की बजाय 40 दिन का दिया है समयः जरांगे

उन्होंने अनशन के बजाय अब सामूहिक अनशन करने का ऐलान किया है। राज्य में मराठा समाज के लोगों के सामूहिक अनशन करने की अपील भी की है। जरांगे पाटील ने सरकार को मराठा आरक्षण के लिए 30 दिन के बजाय 40 दिन का समय दिया है। उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। जरांगे पाटील बीते 29 अगस्त को अनशन पर बैठे थे। बीते 1 सितंबर को पुलिस ने जालना में आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे मराठा समाज के भीतर नाराजगी फैलने से राज्य भर में आंदोलन भड़क गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रद्द हुआ आरक्षण बहाल होना चाहिए। यह भूमिका राज्य सरकार की है। इसके लिए सरकार अलग-अलग स्तर पर प्रयास कर रही है। मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन प्रलंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण रद्द करते समय जिन त्रुटियों का उल्लेख किया था उसको दूर करने के लिए समर्पित आयोग काम करेगी। मराठवाड़ा के मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देने के बारे में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति संदीप शिंदे की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। सरकार ने समिति को 30 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है। शिंदे समिति में आंदोलनकारियों की ओर से किसी एक सदस्य को शामिल किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जालना लाठीचार्ज की घटना के लिए उपमुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस माफी मांग चुके हैं। मैंने भी इस घटना पर दुख और संवेदना व्यक्त किया था। लाठीचार्ज करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठा समाज के लोग शांति व्यवस्था बनाए रखें। बाम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद खंडपीठ ने भी आंदोलनों के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा है।

दर्ज मामले वापस लेने के लिए लंबी चौड़ी प्रक्रिया नहीं चाहिए

मुख्यमंत्री ने जालना के पुलिस अधीक्षक शैलेश बलकवडे को आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले को वापस लेने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांव वालों का बयान लेकर जल्द से जल्द सभी लोगों के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लिया जाए। मुझे दर्ज मामले को वापस लेने के लिए लंबी चौड़ी प्रक्रिया नहीं चाहिए। कम प्रक्रिया में मामले वापस होने चाहिए। इस पर बलकवडे ने आश्वासन दिया कि जल्द ही मामले वापस ले लिए जाएंगे।

"मुझे कई लोगों ने यहां न आने की सलाह दी'

शिंदे ने कहा कि बतौर मुख्यमंत्री मुझे जालना में जरांगे पाटील का अनशन खत्म कराने के लिए न जाने की कई लोगों ने सलाह दी थी। कई लोगों ने मुझे फोन भी किया और कहा कि जालना में जाना उचित नहीं होगा। लेकिन मैंने तय किया कि मैं मुख्यमंत्री हूं तो क्या हुआ मैं प्रोटोकॉल को किनारे करके जरांगे पाटील से मिलूंगा।

दिल्ली में मुझसे पूछा गया कि जरांगे पाटील कौन हैं, जिसने सबको हिला दिया है

लगातार 17 दिनों तक अनशन करके पूरे देश के लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाले जरांगे पाटील की मुख्यमंत्री ने जमकर तारीफ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पिछले दिनों दिल्ली गया था। दिल्ली में कई लोगों ने मुझसे पूछा कि जरांगे पाटील कौन हैं? मैंने लोगों से कहा कि वे एक साधारण कार्यकर्ता हैं। जिस पर लोगों ने मुझसे कहा कि जरांगे पाटील ने तो सबको हिलाकर रख दिया है। इस बीच मुख्यमंत्री ने जरांगे पाटील के पिता से कहा कि आपका लड़का भारी है। आपने एक ऐसे बेटे को जन्म दिया जिसने आपका नाम रोशन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरांगे पाटील सच्चे कार्यकर्ता हैं। उन्होंने लोकप्रियता और क्रेडिट लेने के लिए अनशन नहीं किया है।

मीडिया ने मुझ से विश्वासघात किया

मुख्यमंत्री ने ‘बस बोलना है और निकल लेना है’ वाले वायरल वीडियो को लेकर मीडिया पर ठिकरा फोड़ दिया। मुख्यमंत्री ने मजाकिया लहजे में कहा कि मेरा मीडिया पर विश्वास है। लेकिन मीडिया ने मुझसे विश्वासघात कर दिया। मीडिया मेरे साथ ऐसा न करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से केवल इतना कहा था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल जवाब नहीं करेंगे। केवल मराठा आरक्षण पर अपनी बात रखकर निकल जाएंगे। लेकिन मीडिया ने मेरे बयान को तोड़ मोड़कर पेश किया।

अनशन खत्म होने पर खुशी - फडणवीस

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ‘एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि जालना में मनोज जरांगे पाटील ने अनशन खत्म कर दिया है। इस बात की मुझे खुशी है। सरकार मराठा समाज को आरक्षण देने और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए कटिबद्ध है।

Created On :   14 Sept 2023 8:24 PM IST

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