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विसर्जन के लिए पुख्ता इंतजाम: डेढ़ दिन के गणपति का विसर्जन, शाम 6 बजे तक 6960 प्रतिमाएं विसर्जित
- गणपति का विसर्जन
- शाम 6 बजे तक 6960 प्रतिमाएं विसर्जित
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पालघर, ठाणे, रायगड आदि जिलों में बुधवार को डेढ़ दिन के गणपति का विसर्जन किया गया। समुद्री किनारों और कृत्रिम तालाबों में पुख्ता सुरक्षा के बीच गणपति बप्पा को पूजा-पाठ के बाद विदा किया जा रहा है। मुंबई में शाम 6 बजे तक 6,960 गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इनमें 30 सार्वजनिक और 6,930 घरेलू प्रतिमाएं हैं। कृत्रिम तालाबों में 14 सार्वजनिक और 2,819 घरेलू गणपति प्रतिमाएं विसर्जित की गईं।
गणेश प्रतिमाओं के आगमन और विसर्जन के लिए मुंबई मनपा (बीएमसी) ने गड्ढा मुक्त सड़कें देने का दावा किया था। लेकिन इस बार भी उसके दावे खोखले साबित हुए। श्रद्धालु गड्ढों से भरी सड़क पर चल गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन को मजबूर हुए।
गड्ढों का विघ्न यथावत
मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने गणेशोत्सव के पहले सड़कों के गड्ढे भरने के आदेश दिए थे। लेकिन कई इलाकों में सड़कों पर गड्ढे मौजूद हैं। सांताक्रुज स्टेशन रोड पर गड्ढे देख कर हैरानी होती है कि इतनी महत्वपूर्ण सड़क पर गड्ढे मनपा अधिकारियों को कैसे नहीं दिखाई दिए।
जेली फिश से सावधान रहें
बीएमसी ने आम लोगों को आगाह किया है कि विसर्जन के दौरान समुद्र में आई ब्लू बटन जेली फिश और स्टिंग रे से सावधान रहें। इन मछलियों के दंश से शरीर में खुजली होती है। पैर में गमबूट पहन कर ही समुद्र में प्रतिमा विसर्जन के लिए उतरने की हिदायत है।
जेली फिश काट लें तो क्या करें
प्रशासन का कहना है कि जेली फिश काट लें तो जख्म की जगह को साफ पानी से धोएं और वहां बर्फ लगाएं। उपचार की आवश्यकता होने पर मनपा के दवाखाने में जाएं। मनपा ने विसर्जन स्थलों पर 108 एंबुलेंस तैनात की है। आवश्यकता होने पर उसकी मदद लें।
विसर्जन स्थलों की जानकारी चैट बॉट पर
मनपा ने इस बार विसर्जन स्थलों की जानकारी चैटबॉट पर उपलब्ध कराई है। अपने घर के नजदीक प्राकृतिक और कृत्रिम विसर्जन स्थलों पर ही गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन करें। मायबीएमसी वाटस् एप चैटबॉट (MyBMC WhatsApp Chatbot) मोबाइल आधारित सेवा 8999-22-8999 इस नंबर पर उपलब्ध है। मनपा के वेबपोर्टल https://portal.mcgm.gov.in पर भी जानकारी ली जा सकती है। इस पोर्टल पर घर बैठे विसर्जन के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं।
131 साल से गिरगांव की केशवजी चॉल में विराजते हैं गणपति
पालकी पर आगमन और पालकी पर ही होता है विसर्जन
लोकमान्य तिलक की प्रेरणा से रावबहादुर लिमये ने की थी स्थापना
दक्षिण मुंबई के गिरगांव स्थित केशवजी चॉल में 131 साल से गणपति विराजते हैं। इनका अगमन और विसर्जन पालखी पर ही होता है। रावबहादुर लिमये ने 1893 में लोकमान्य तिलक के मार्गदर्शन में मुंबई में पहली बार यहीं सार्वजनिक गणेशोत्सव का आयोजन किया। अतीत में यहां वीर सावरकर, पांडुरंग शास्त्री आठवले, प्रबोधनकर ठाकरे, बालासाहेब ठाकरे जैसी अनेक गणमान्य यहां के गणपति का आशीर्वाद प्राप्त कर चुके हैं। कभी इसी चॉल में मशहूर संगीतकार कल्याणजी आनंदजी भी रहते थे और गणेश पूजा करते थे। मंडल के विजय दातार ने बताया कि मंडल की तरफ से रक्तदान शिविर, मुफ्त चिकित्सा शिविर आयोजित किया जाता है।
Created On :   20 Sept 2023 10:10 PM IST