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करार: राम मंदिर में लगी चंद्रपुर की लकड़ी से वन विभाग को मिले हैं 2 करोड़ 25 लाख
- 5034.863 घन फुट सागौन की खरीद के लिए हुआ है करार
- चंद्रपुर की लकड़ी से वन विभाग को मिले करोड़ों
- राम मंदिर में लगी है चंद्रपुर की लकड़ी
डिजिटल डेस्क, मुंबई, अमित कुमार, मुंबई। अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के लिए महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से अब तक 2914.442 घन फुट सागौन की लकड़ी का इस्तेमाल हुआ है। राम मंदिर के गर्भगृह तल मंजिल और पहले मंजिल के दरवाजे, मध्यभाग मंडप के दरवाजे, बाहरी मंडप के दरवाजे और खिड़कियों के निर्माण के लिए केवल चंद्रपुर की लकड़ी का उपयोग हुआ है। प्रदेश सरकार के फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ऑफ महाराष्ट्र (एफडीसीएम) ने अभी तक 2 करोड़ 25 लाख 6 हजार रुपए 31 रुपए कीमत की सागौन की लकड़ी को अयोध्या में भेजी है।
गुरूवार को एफडीसीएम के चंद्रपुर क्षेत्रीय प्रबंधक सुमित कुमार ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) कंपनी के जरिए किया जा रहा है। एलएंडटी ने राम मंदिर बनाने के लिए आवश्यक सभी लकड़ियां चंद्रपुर से लेने का फैसला किया है। इसके लिए एल एंड टी ने एफडीसीएम के साथ 16 नवंबर 2020 को करार किया था।
एल एंड टी से एफडीसीएम ने 5034.863 घन फुट सागौन की लकड़ी मांगी है। जिसमें से अभी तक 2914.442 घन फुट सागौन की लकड़ी अयोध्या में भेज दी गई है। एफडीसीएम की ओर से भेजी गई लकड़ी की कीमत 2 करोड़ 25 लाख 6 हजार 731 रुपए है।
राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के दिशा निर्देश पर एफडीसीएम की ओर से राम मंदिर के निर्माण के लिए उत्कृष्ट दर्जे के सागौन की लकड़ी की आपूर्ति की जा रही है। कुमार ने कहा कि फिलहाल एफडीसीएम के सरकारी डिपो आलापल्लीै व बल्लाहरशाह में सागौन की लकड़ी तैयार करने का काम शुरू है। राम मंदिर के निर्माण के लिए जैसे-जैसे सागौन की लकड़ी की मांग होगी, वैसे-वैसे चंद्रपुर से लकड़ी भेजी जाएगी। अयोध्या के राम मंदिर ट्रस्ट के प्रतिनिधि और वास्तुकार एफडीसीएम के डिपो में आ चुके हैं।
आकर्षक होता है चंद्रपुर का सागौन
चंद्रपुर के बल्लारशाह वाली सागौन की लकड़ी में तेल का प्रमाण अधिक होता है। इससे यह लकड़ी टिकाऊ और दीमक का प्रतिकार करने वाली होती है। तेल की मात्रा अधिक होने के नाते इस सागौन में फिनिशिंग के बाद उसकी चमक बढ़ जाती है। श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान से राम मंदिर के निर्माण के लिए उच्च दर्जे की लकड़ी उपलब्ध कराने को लेकर जानकारी हासिल की थी।
संस्थान ने चंद्रपुर की सागौन लकड़ी के इस्तेमाल का सुझाव दिया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश के वन निगम ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और एल एंड टी ने एफडीसीएम से संपर्क करके सागौन की लकड़ी उपलब्ध कराने का आग्रह किया था।
Created On :   12 Jan 2024 11:48 AM GMT