बड़ा कदम: दिव्यांगों के पुनर्वसन के लिए स्थापित होगी दिव्यांग निधि, विभाग ने तैयार किया नियम

दिव्यांगों के पुनर्वसन के लिए स्थापित होगी दिव्यांग निधि, विभाग ने तैयार किया नियम
  • संस्थाओं को पंजीयन प्रमाणपत्र
  • दिव्यांगता पर शोध के लिए राज्य समिति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में दिव्यांगों के पुनर्वसन और कल्याणकारी समूह आधारित योजनाओं को लागू करने के लिए अब दिव्यांग निधि की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार के दिव्यांग कल्याण विभाग की ओर से राज्य निधि स्थापित किया जाएगा। दिव्यांग निधि में राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान, कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) अंतर्गत प्राप्त निधि, दान, सरकार द्वारा तय किए गए अन्य स्त्रोत से प्राप्त राशि जमा की जा सकेगी। राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग ने दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत तैयार किए गए नियमों के मसौदे की अधिसूचना को जारी किया है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' से बातचीत में कहा कि दिव्यांग अधिनियम के तहत राज्य में पहली बार नियम बनाया गया है। इससे राज्य में अब नए नियमों के अनुसार दिव्यांग कल्याण विभाग का कामकाज होगा। अधिसूचना के अनुसार दिव्यांग निधि के प्रबंधन के लिए राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में नियामक मंडल बनाया जाएगा। इस नियामक मंडल के सदस्य राज्य के वित्त विभाग तथा नियोजन विभाग के सचिव होंगे। जबकि दिव्यांग कल्याण आयुक्त इसके सदस्य सचिव होंगे। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए राज्य सलाहकार मंडल की स्थापना की जाएगी। जबकि दिव्यांग कल्याण आयुक्त को सहयोग करने के लिए सलाहकार समिति बनाई जाएगी।

अपील का अधिकार

दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी करने वाले पदनिर्देशत अधिकारी के फैसले के खिलाफ कोई भी व्यक्ति 30 दिनों के भीतर प्राधिकरण के समक्ष अपील कर सकेंगे। लेकिन अपील करते समय आदेश की प्रति को जोड़ना आवश्यक होगा। दिव्यांग व्यक्ति अज्ञान अथवा बौद्धिक रूप से दिव्यांग होने की स्थिति में आवेदन करने में समक्ष नहीं होंगे तो वो कानूनी अभिभावक अथवा अधिकृत अधिनिधि के माध्यम से अपील कर सकेंगे।

सीमित संरक्षकता

दिव्यांगों के सीमित संरक्षकता के लिए जिलाधिकारी पदनिर्देशित प्राधिकरण होंगे। जबकि जिला न्यायाधीश अपीलीय प्राधिकरण होंगे। दिव्यांग व्यक्ति खुद के सीमित संरक्षकता (मर्यादित पालकत्व) के लिए सीधे आवेदन कर सकेंगे। किसी भी पंजीकृत संस्था के पास दिव्यांगों व्यक्तियों के सीमित संरक्षकता पाने के लिए नियुक्त प्राधिकरण के पास आवेदन किया जा सकेगा। लेकिन दिव्यांग व्यक्तियों के अभिभावकों के सहमति के बिना प्राधिकरण कोई भी आवेदन को स्वीकार नहीं करेगा।

संस्थाओं को पंजीयन प्रमाणपत्र

दिव्यांग व्यक्तियों के लिए संस्था बनाने के लिए इच्छुक अथवा देखरेख करने वाले व्यक्ति दिव्यांग कल्याण आयुक्त पास आवेदन कर सकेंगे। यह आवेदन संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी के माध्यम से दिव्यांग कल्याण आयुक्त के पास भेजा जा सकेगा। जबकि मुंबई शहर और मुंबई उपनगर में संस्था बनाने के लिए समाज कल्याण सहायक आयुक्त के जरिए आवेदन किया जा सकेगा।

दिव्यांगता पर शोध के लिए राज्य समिति

राज्य में दिव्यांगता पर अनुसंधान के लिए राज्य समिति का गठन किया जाएगा। दिव्यांग कल्याण आयुक्त समिति के पदेन अध्यक्ष होंगे। इस समिति में नियुक्त सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होगा।

एमडीसी होम

एमडीसी होम में अनुदानित अथवा गैर अनुदानित मेंटली डेफिशियंट चिल्ड्रेन्स निवासी गृहों का समावेश होगा। बौद्धिक दिव्यांग, ऑटिज्म सहित दिव्यांगता वाले अनाथ अथवा किसी का आधार न होने वाले व्यक्तियों के लिए बनाए गृह शामिल होंगे।

नागरिक मौसदे पर दे सकते हैं सुझाव

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दिव्यांग कल्याण विभाग की ओर से तैयार किए गए नियमों के मसौदे पर कोई भी व्यक्ति एक महीने के भीतर सुझाव और आपत्ति दर्ज करा सकता है। इस बारे में पुणे स्थित दिव्याण कल्याण आयुक्त कार्यालय में पत्र भेज सकेंगे। इसके अलावा दिव्याण कल्याण आयुक्त को ईमेल आईडी commissioner.disability@maharashtra.gov.in पर भी मिल किया जा सकता है।


Created On :   13 Sept 2023 8:18 PM IST

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