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महाराष्ट्र: राज्य में होगी दिव्यांगों की गिनती, 30 साल बाद सर्वेक्षण की तैयारी
- 2011 की जनगणना
- राज्य में 29.63 लाख से ज्यादा दिव्यांग
डिजिटल डेस्क, मुंबई. अमित कुमार। महाराष्ट्र में दिव्यांगों की गिनती होगी। राज्य के दिव्यांग कल्याण विभाग ने दिव्यांगों के सर्वेक्षण के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। जिलावार घर-घर दिव्यांगों की गिनती की जाएगी। सूबे में दिव्यांगों की गिनती लगभग 30 साल बाद होगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर' को यह जानकारी दी। राज्य में दिसंबर, 2022 से दिव्यांगों के लिए स्वतंत्र रूप से दिव्यांग कल्याण विभाग कार्यरत है। मगर राज्य में दिव्यांगों की वास्तविक संख्या कितनी है? यह जानकारी फिलहाल दिव्यांग कल्याण विभाग और दिव्यांग आयुक्तालय के स्तर पर उपलब्ध नहीं है।
अधिकारी ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में 29 लाख 63 हजार 392 दिव्यांग हैं। साल 2021 की जनगणना शुरू नहीं हो सकी है। सामाजिक सुरक्षा, पुनर्वसन, शिक्षा, प्रशिक्षण आदि योजनाएं लागू करने के लिए दिव्यांगों की संख्या की जानकारी जरूरी है। इसी के मद्देनजर दिव्यांगों की गिनती की रूपरेखा तैयार की गई है। प्रस्ताव को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
1994 में हुआ था सर्वे
अधिकारी ने बताया कि 1994 में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दिव्यांगों का सर्वेक्षण कराया था। विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2011 में सात तरह की दिव्यांगता शामिल थी। लेकिन दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम, 2016 में दिव्यांगता के 21 प्रकार का समावेश है। अधिकारी ने कहा कि दिव्यांगों की गिनती का काम सरकार के राजस्व, सामाजिक न्याय, स्वास्थ्य सहित दूसरे विभागों की मदद से पूरा किया जाएगा। आशा सेविकाएं और अन्य विभागों के कर्मचारियों का सहयोग लिया जाएगा।
अकोला जिला परिषद कर चुकी गिनती
अधिकारी ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर के महात्मा गांधी सेवा संघ के जरिए अकोला जिला परिषद ने दिव्यांगों की गिनती की है। इस पर 72 लाख रुपए खर्च हुए थे। इसके बाद परभणी, बीड़ और सातारा जिला परिषद ने भी दिव्यांगों की गिनती करने का फैसला किया है। लेकिन सर्वेक्षण के आंकड़ों में कई प्रकार की खामियां हैं।
9.82 लाख दिव्यांगों के पास यूडीआईडी
केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों को विशिष्ट पहचान पत्र (यूडीआईडी) ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाता है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में यूडीआईडी के लिए 15 लाख 3 हजार 532 दिव्यांगों ने आवेदन किया था। इनमें से 9 लाख 82 हजार 507 दिव्यांगों को यूडीआईडी जारी किए गए हैं जबकि 2 लाख 72 हजार 835 आवेदन खारिज किए गए हैं। वहीं 2 लाख 48 हजार 190 आवेदन प्रलंबित हैं।
Created On :   18 Sept 2023 8:26 PM IST