सावधान: बर्गर नगेट्स में असली चीज़ नहीं, सब्सिटट्यूट का हो रहा इस्तेमाल

बर्गर नगेट्स में असली चीज़ नहीं, सब्सिटट्यूट का हो रहा इस्तेमाल
  • करीबी राज्य में बड़े स्तर पर खाद्य-औषधि विभाग ने की कार्रवाई तो सामने आया सच
  • शहर में भी ओरिजिनल चीज़ पनीर के नाम पर परोसा जा रहा वैकल्पिक जो सेहत के लिए खतरनाक
  • सस्ते रिफाइंड तेल का उपयोग जिससे एलर्जी शुगर जैसी बड़ी समस्या आ रही सामने

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जंक फूड में चीज़, पनीर ओरिजिनल नहीं बल्कि सब्सिटट्यूट इस्तेमाल किया जा रहा है। बर्गर नगेट्स में असली चीज़ की बजाय इसके विकल्प चीज़ एनालाॅग्स का उपयोग हाे रहा है।

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन महाराष्ट्र ने जब महाराष्ट्र के अहमद नगर के मैकडोनाल्ड्स आउटलेट में जाँच की तो यह सच सामने आया। एक नहीं कम से कम 8 आउटलेट्स में असली चीज़ की जगह चीज़ एनालाॅग्स का इस्तेमाल पाया गया।

करीबी राज्य की तरह ही शहर में भी जो ब्रांडेड जंक फूड के आउटलेट्स संचालित हो रहे हैं, उनमें भी वैकल्पिक वसा युक्त चीज़, पनीर का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं। इसमें भी विशेष बात यह है कि चीज़ एनालाॅग्स का जो उपयोग हाे रहा है, उसका विवरण जो सामने दर्शाया जा रहा है उसमें भी कहीं यह उल्लेख नहीं हो रहा है।

गौर तलब है कि चीज़ एनालाॅग्स एक सस्ता वसा प्रोटीन मिश्रित करके बनाया जाता है तो सेहत के लिहाज से लाभकारी नहीं होता।

यह कहता है नियम

सभी तरह के जंक फूड बनाने वाली कंपनियों से लेकर निर्माणकर्ता को ये बताना होता है कि वो किस तरह से चीज़ की जगह उसका सब्सिटट्यूट इस्तेमाल कर रहे हैं। यही नहीं, इस जानकारी में वसा और प्रोटीन से जुड़ी जानकारी भी देनी होती है।

इसकी जानकारी छिपाना भी नियम का पूरी तरह से उल्लंघन है। इसमें फूड निर्माता का लाइसेंस निरस्त किया जाता है, साथ ही सजा का भी प्रावधान है।

नियम अनुसार सुधार करने के दिए सुझाव

महाराष्ट्र में 30 फास्ट फूड आउटलेट्स के निरीक्षण में वहाँ के खाद्य-औषधि विभाग ने नियम अनुसार सुधार करने के सुझाव दिए हैं। इसको लेकर नोटिस भी दिया गया है कि जैसा फास्ट फूड तैयार किया जाता है जो तत्व इस्तेमाल किए जा रहे हैं, उनका पूरा विवरण ग्राहक के सामने साझा किया जाए।

ग्राहकों को धोखा दे रहे

एक्सपर्ट का कहना है कि खाने वाले ग्राहकों की जानकारी के बगैर चीज़ की जगह ग्राहकों को सस्ते रिफाइंड से बना वैकल्पिक चीज़ पराेसना एक तरह से धोखे से कम नहीं है। जो लोग ओरिजिनल चीज़ समझकर इसका आनंद लेकर कुछ भी खा रहे हैं, वो सस्ते रिफाइंड तेल से बनाया जाने वाला सब्सिटट्यूट ही है।

इसके इस्तेमाल से एलर्जी, शुगर जैसी समस्या बड़ा रूप ले सकती है। विशेष बात यह है कि इसका पचना भी आसान नहीं होता। इसके खाने में अपच होने पर एसिडिटी की प्राब्लम तुरंत शुरू हो सकती है।

जानकारी नहीं देना चाहते

बड़े जंक फूड वाली कंपनियाँ चीज नगेट्स चीज़ी डिप और चीज़ बर्गर चीज़ पिज्ज़ा बेच तो रही हैं लेकिन ये नहीं बता रही थीं कि इसमें किस तरह के चीज़ का इस्तेमाल किया जा रहा है।

चीज़ी नगेट्स, वेज बर्गर, नॉन-वेज बर्गर, कॉर्न और चीज़ बर्गर, चीज़ी इटालियन वेज और चीज़ केक में पनीर के इस्तेमाल की बात कही जाती है जो सही नहीं है, इनमें कृत्रिम पनीर का उपयोग होता है। इन दिनों वैकल्पिक चीज़, पनीर का उपयोग बड़े स्तर पर हो रहा है। जंक फूड से लेकर देशी फूड में भी यह उपयोग हाे रहा है।

हमने भी कार्रवाई शुरू कर दी है

पड़ोसी राज्य में कुछ जंक फूड के आउटलेट्स में चीज़, पनीर की जगह इसके वैकल्पिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसकी जानकारी भी हमें मिली है। इसी आधार पर हमने जंक फूड सेंटरों का निरीक्षण करना शुरू किया है। इसको लेकर विभाग बारीकी से ध्यान दे रहा है।

पंकज श्रीवास्तव, खाद्य सुरक्षा अधिकारी

Created On :   27 Feb 2024 2:51 PM IST

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