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जबलपुर: अस्पताल में नहीं मिल रहीं चिकित्सकों द्वारा लिखी अधिकांश दवाइयाँ, बाहर से खरीदने की मजबूरी
- रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में नियमित चिकित्सकों का टोटा
- विजिटिंग डाक्टर भी नहीं दे रहे पूरा समय
- अस्पताल मरीजों को राहत देने के बजाय परेशानियों वाला बन गया है
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। पश्चिम मध्य रेल के तीनों मंडलों जबलपुर, कोटा और भोपाल के करीब 54 हजार कर्मचारी व उनके परिजनों के लिए रेलवे द्वारा एक केंद्रीय अस्पताल संचालित किया जा रहा है।
इस अस्पताल से इलाज के अलावा अगर किसी अन्य बाहरी अस्पताल में कर्मचारी को इलाज करवाना है तो रेफर भी यहीं से कराना पड़ता है। मगर पिछले कुछ समय से यह अस्पताल मरीजों को राहत देने के बजाय परेशानियों वाला बन गया है।
यहाँ इलाज कराने आने वालों का कहना है कि ओपीडी पर्ची बनवाने से लेकर चिकित्सकों के पास तक पहुँचना आसान नहीं है।
इतना ही नहीं इन दिनों सबसे अधिक समस्या मरीजों के सामने यह आ रही है कि चिकित्सकों द्वारा लिखी जा रहीं अधिकांश दवाइयाँ अस्पताल में नहीं मिल रही हैं उन्हें बाहर किसी दुकान से लेने मजबूर होना पड़ रहा है।
चिकित्सकों के आने का समय तय नहीं
सूत्र बताते हैं पमरे का केंद्रीय अस्पताल होने के बाद भी यहाँ नियमित चिकित्सकों का टोटा है। वहीं दूसरी ओर विजिटिंग चिकित्सक भी पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं।
बताया तो यह भी जा रहा है कि विजिटिंग चिकित्सकों का सुबह आने का समय कोई तय नहीं है और एक से डेढ़ घंटे में 10 से 12 मरीजों को देखने के बाद वह चैंबर से उठ जाते हैं।
इस दौरान जो मरीज जबलपुर शहर को छोड़कर अन्य जिलाें से आया है तो उसे चिकित्सक की परामर्श लेने के लिए दूसरे दिन का इंतजार करना पड़ता है।
दूसरे दिन दोबारा लाइन में लगकर पर्ची कटवाने की नौबत आती है और अगर लाइन ज्यादा लंबी है तो जरूरी नहीं कि चिकित्सक मिल जाए।
सर्जरी के लिए एक से डेढ़ माह माह तक का इंतजार
जानकारों का कहना है कि इस अस्पताल में सर्जरी करानी है तो मरीज को एक से डेढ़ माह तक का इंतजार करना पड़ सकता है।
सर्जन की स्थिति यह है कि अस्पताल में वह पूरा समय नहीं दे पा रहे हैं। जिससे जिन मरीजों को किसी प्रकार की सर्जरी करानी है तो उन्हें एक से डेढ़ माह तक का इंतजार करना पड़ रहा है।
मरीजों काे दवाइयों के लिए भटकना पड़ रहा है, चिकित्सक पूरा समय नहीं दे रहे हैं।
जिससे दूरदराज से आने वाले मरीजों को काफी परेशानी हो रही है यह बात संज्ञान में आई है। जल्द ही इस मामले में पमरे जीएम से चर्चा की जाएगी।
- रोमेश मिश्रा, मंडल सचिव, डब्ल्यूसीआरईयू
Created On :   5 Feb 2024 12:33 PM GMT