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जिला अस्पताल में मानसिक रोगियाें के लिए बनेगा मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड
डिजिटल डेस्क,जबलपुर।
एक मानसिक रोगी के लिए कठिनाइयाँ उस वक्त और बढ़ जाती हैं, जब उसके मौलिक अधिकारों का हनन होता है और मदद के लिए कोई रास्ता नहीं बचता। यह स्थिति मानसिक रोगियों के जीवन में कभी भी आ सकती है, ऐसे में उन्हें समुचित इलाज और किसी भी तरह की समस्या के निदान के साथ न्याय मिल सके, इसलिए जिला अस्पताल में मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड की शुरुआत शीघ्र ही होने जा रही है। बोर्ड में एडीशनल डिस्ट्रिक्ट जज, कलेक्टर या उनकेे प्रतिनिधि, मानसिक रोग विशेषज्ञ और मेडिकल ऑफिसर होंगे। यह एक संभाग स्तरीय बोर्ड होगा, जिसमें पूरे संभाग से आए मानसिक राेगी अपनी समस्या को रख सकेंगे। बोर्ड के समक्ष मौलिक अधिकारों के हनन पर शिकायत दर्ज की जा सकेगी। चाहे वह जमीन जायदाद से जुड़ी कानूनी समस्याएँ हों या इलाज में आ रही कोई परेशानी, तकलीफों का निराकरण बोर्ड करेगा।
भोपाल से आई टीम ने किया निरीक्षण
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. रत्नेश कुररिया ने बताया कि मेंटल हेल्थ रिव्यू बोर्ड के लिए भोपाल की एक टीम कुछ दिन पहले निरीक्षण के लिए आई थी। टीम ने कलेक्टर, सीएमएचओ, सिविल सर्जन से मुलाकात की है। यह बोर्ड जिला अस्पताल मंे ही बनाया जाएगा। टीम ने जरूरी जानकारी और दिशा निर्देश दे दिए हैं। परिसर में 3 कमरे बोर्ड के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश टीम ने दिए हैं। जगह उपलब्ध होते ही इस बोर्ड को शुरू कर दिया जाएगा। बोर्ड हफ्ते में 1 दिन अथवा 15 दिन में एक बार बैठ सकता है, यह मरीजों की संख्या पर निर्भर करेगा।
जगह उपलब्ध कराई जा रही है
सिविल सर्जन डॉ. मनीष कुमार मिश्रा ने बताया कि बोर्ड के संचालन के लिए जिला अस्पताल में जगह उपलब्ध कराई जा रही है। संभवत: मानसिक रोग विभाग में ही जगह उपलब्ध कराई जाएगी। यह मरीजों के सभी अधिकारों को सुरक्षित रखने का प्रयास है। अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत भी मरीज कर सकेंगे। मरीजों को इलाज के लिए जबलपुर समेत अन्य शहरों में भेजने की दिशा में भी बोर्ड कार्य करेगा।
मेंटल केयर एक्ट के तहत बना रहे बोर्ड
विशेषज्ञों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 के नए मेंटल केयर एक्ट के तहत ये बोर्ड बनाए जा रहे हैं। आने वाले समय में यह बोर्ड डिस्ट्रिक्ट लेवल पर भी बनेंगे, फिलहाल संभाग स्तर पर इसे शुरू किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट की मंशा के अनुसार मेंटल केयर एक्ट को फॉलो किया जा रहा है। इसमें यह सुविधा भी है कि कोई व्यक्ति पहले से लिखकर दे सकता है कि अगर वह किन्हीं कारणों से मानसिक रोगी हो जाता है तो अपने निर्णय लेने के लिए किसी को नामित कर सकता है। नामित व्यक्ति इलाज का डिसीजन भी ले सकेगा।
Created On :   17 July 2023 2:23 PM IST