Jabalpur News: साइबर फ्रॉड, बैंकों के सिस्टम हो रहे अपडेट, यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर असर

साइबर फ्रॉड, बैंकों के सिस्टम हो रहे अपडेट, यूपीआई ट्रांजैक्शंस पर असर
  • लगातार हो रही धोखाधड़ी की राेकथाम के लिए अपलोड हो रहा नया साॅफ्टवेयर
  • साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए हर स्तर पर नई तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है।
  • एक लाख से ज्यादा की रकम बैंक से आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांस्फर होती है।

Jabalpur News: बढ़ते साइबर फ्रॉड की रोकथाम के लिए बैंकों द्वारा हर दिन नई तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर सभी बैंकों में नए सिस्टम के तहत सस्पेक्टेड ट्रांजैक्शन नाम का सॉफ्टवेयर अपलोड किया जा रहा है। खासकर यूपीआई ट्रांजैक्शंस (ऑनलाइन एप) में बारीकी से नजर रखी जा रही है।

दरअसल हाल ही में कई ऐसे मामले सामने आए थे, जिसमें पीड़ितों ने शिकायत की थी कि उन्होंने अपनी लिमिट के हिसाब से एक ही नंबर पर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया, लेकिन जिस खाते में रकम ट्रांस्फर की वो बेनामी खातों में चली गई। जाँच की गई तो पता चला कि ये काम ऑनलाइन जालसाजी करने वालों का है। इसी वजह से बैंकों ने अपने सिस्टम को अपडेट करने का निर्णय लिया है।

जिसके तहत सभी राष्ट्रीयकृत व प्राइवेट बैंकों के सिस्टम में नया सॉफ्टवेयर अपलोड किया जा रहा है, जिसमें एक ही नंबर पर एक ही दिन में लगातार होने वाले ट्रांजैक्शन अपने आप ही फेल हो जाते हैं, और 48 घंटे के भीतर रकम एकाउंट होल्डर के खाते में वापस पहुँच जाती है।

लोगों का पैसा रहेगा सुरक्षित

बैंकों में इस सिस्टम अपग्रेडेशन से ज्यादातर लोग परेशान हो रहे हैं। लेकिन जब उन्हें समय पर अपना पैसा सुरक्षित होने का मैसेज मिल जाता है और 48 घंटे के अंदर खाते में वापस रकम मिल जाती है तो सारी समस्याएँ हल हो जाती हैं।

एक दिन में एक लाख तक ट्रांजैक्शन

आरबीआई के नियमों के तहत कोई भी बैंक खातेदार अपनी लिमिट के हिसाब से एक लाख तक का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन कर सकता है। एक लाख से ज्यादा की रकम बैंक से आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांस्फर होती है।

साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए हर स्तर पर नई तकनीकों का सहारा लिया जा रहा है। खातेदारों का पैसा सुरक्षित रहे इसलिए आरबीआई की गाइडलाइन के तहत सिस्टम को अपडेट भी किया गया है, जिसके तहत सस्पेक्टेड ट्रांजैक्शन्स को सिस्टम खुद ब खुद फेल कर देता है। इससे उपभोक्तओं को कुछ परेशानी तो होती है, लेकिन उनकी रकम पूरी तरह सुरक्षित रहती है।

- डॉ. पीके गुप्ता, लीड बैंक मैनेजर, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया

Created On :   21 Jan 2025 3:39 PM IST

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