- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- 266 स्कूलों ने अब तक शुरू ही नहीं...
Jabalpur News: 266 स्कूलों ने अब तक शुरू ही नहीं किया छात्रों की अपार आईडी बनाने का काम
- चार लाख बच्चों की बननी है आईडी, 6 महीनों में सिर्फ 40 प्रतिशत ही हो सका कार्य
- स्कूल प्रबंधनों के द्वारा योजना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा, इसलिए लेटलतीफी हो रही है।
- जिले में अपार आईडी बनाने का कार्य लगभग 40 प्रतिशत हुआ है।
Jabalpur News: नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली बच्चों की अपार आईडी (ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) बनाने का कार्य धीमी गति का शिकार है। जिले में 2774 शासकीय औऱ निजी स्कूलों में 4 लाख 23 हजार 756 छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जानी है, लेकिन 6 महीनों में मात्र 40 प्रतिशत बच्चों की आईडी बनाए जाने का कार्य शुरू हो पाया है। हैरत की बात तो यह है कि 266 स्कूलों ने तो आईडी बनाने का कार्य शुरू ही नहीं किया है। यानी इन स्कूलों के द्वारा अब तक एक भी बच्चे की आईडी नहीं बनाई गई।
शहरी क्षेत्र के स्कूलों में काम धीमा-
खास बात यह है कि लापरवाही बरतने वाले स्कूलों में 118 स्कूल तो शहर के शामिल हैं। इनमें आधे से ज्यादा शहरी सीमा के स्कूल 266 की लिस्ट में शामिल हैं। स्कूलों के द्वारा बरती जा रही ढिलाई वन नेशन वन स्टूडेंट की कल्पना को साकार नहीं होने दे रही है। दरअसल सरकार की मंशा है कि योजना के जरिए छात्र-छात्राओं का शैक्षणिक रिकाॅर्ड एक ही स्थान पर डिजिटल रूप से रखा जाए।
इससे फर्जीवाड़ा होने की आशंका कम हो जाएगी। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति एवं नौकरी मिलने में आसानी होगी। वहीं नियोक्ता को भी उम्मीदवार की जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाएगी। अपार आईडी स्कूलों के जरिए ही बनाई जानी तय है, लेकिन स्कूल प्रबंधनों के द्वारा योजना को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा, इसलिए लेटलतीफी हो रही है।
जिले में अपार आईडी बनाने का कार्य लगभग 40 प्रतिशत हुआ है। बच्चों के आधार कार्ड अपडेट नहीं हैं, जिसकी वजह से देरी हो रही है। स्कूल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि तेजी से काम किया जाए। कक्षा 1 से 8 एवं कक्षा 9वीं से 12वीं तक अलग- अलग स्तर पर आईडी बनाने का कार्य चल रहा है।
- योगेश शर्मा, जिला परियोजना समन्वयक
Created On :   22 Jan 2025 7:30 PM IST