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जबलपुर: एल्गिन में रुके सिजेरियन प्रसव, मरीजों की बढ़ी परेशानी
- ओटी के मेंटेनेंस के चलते गड़बड़ाए हालात, मेडिकल रेफर किए जा रहे ज्यादातर केसेस
- फर्श पर बेड लगाकर करना पड़ रहा इलाज, अस्पताल में 4 दिनों से बनी है इसी तरह की स्थिति
- वार्ड में 250 से ज्यादा महिलाएँ भर्ती हैं, जबकि बेड लगभग 200 ही हैं।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। संभाग के सबसे बड़े प्रसूति अस्पताल रानी दुर्गावती एल्गिन अस्पताल में बीते 4 दिनों से सिजेरियन डिलीवरी नहीं होने से प्रसूताएँ मेडिकल कॉलेज पर निर्भर हो गईं। प्रसव के लिए एल्गिन पहुँचने वाली महिलाओं को मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
इधर लगातार रेफर हो रहे मामलों के बाद नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विभाग में दबाव बढ़ गया है। वार्ड में 250 से ज्यादा महिलाएँ भर्ती हैं, जबकि बेड लगभग 200 ही हैं।
स्थिति यह है कि एक बेड पर दो मरीजों को रखने की नौबत आ गई है। फ्लोर बेड लगाकर उपचार दिया जा रहा है। सिजेरियन प्रसव की संख्या बढ़ने से चिकित्सकों और स्टाफ को भी दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है इन्फेक्शन के मामले सामने आने के बाद एल्गिन अस्पताल के दोनों ऑपरेशन थिएटर मेंटेनेंस के चलते बंद किए गए थे, हालाँकि प्रबंधन का कहना है कि सोमवार से एक ओटी शुरू कर दिया गया है। जिसके चलते सीमित संख्या में ही सिजेरियन प्रसव हो पा रहे हैं।
नया वार्ड भी भरा, देर रात तक चल रही ओटी
मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग विभागाध्यक्ष डॉ. कविता एन सिंह ने बताया कि एल्गिन से रेफर होकर आ रहे मामलों के बाद विभाग में बीते कुछ दिनों से दबाव बढ़ गया है। पुराने वार्डों के साथ नया वार्ड भी भर गया है।
फ्लोर बेड लगाए गए हैं। एक के बाद एक सिजेरियन प्रसव हो रहे हैं। देर रात तक यह क्रम चल रहा है। बीती रात तकरीबन 1 बजे तक ऑपरेशन थिएटर में सर्जरी की गईं। इसकी जानकारी सीएमचओ कार्यालय को भी दी गई है।
एक नजर
एल्गिन अस्पताल में रोजाना 40-45 डिलीवरी होती हैं। इनमें से ज्यादातर सामान्य प्रसव होते हैं।
ओपीडी में करीब 200 से 250 मरीज आते हैं और इनमें से 20 से 30 भर्ती होते हैं।
मेंटेनेंस कराना भी जरूरी था
एल्गिन अस्पताल की अधीक्षक डॉ. नीता पाराशर ने बताया कि ऑपरेशन थिएटर में एसी डक्ट के पास से कचरा निकलने की बात सामने आई थी। जिसके बाद एसी डक्ट की सफाई की गई है।
मेंटेनेंस के काम के कारण 3 दिन ओटी बंद था, जिसके चलते सिजेरियन डिलीवरी के मामले मेडिकल कॉलेज रेफर किए गए। सोमवार को एक ओटी शुरू हो गया है, हालाँकि अभी सीमित मामले ही लिए जा रहे हैं। कुछ काम अभी शेष है, जिसके पूरा होते ही पूरी क्षमता के साथ ओटी शुरू हो जाएँगे।
ओटी में ऑपरेशन के बाद 1-2 मरीजों में इन्फेक्शन की बात सामने आई थी, जिसके चलते ओटी को बंद कर एसी डक्ट की सफाई की गई है। 2 में से 1 ओटी शुरू कर दिया गया है। इन्फेक्शन न हो, इसलिए अभी कम केसेस ही लिए जा रहे हैं।
डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ
Created On :   20 Feb 2024 9:31 AM GMT