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गोंदिया: पेंशन अदालत में जानकारी नहीं दे पाया शिक्षा विभाग, अधिकारियों पर बरसे सीईओ
- शिक्षा विभाग के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए
- शिक्षा विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग में तालमेल न होने की बात
डिजिटल डेस्क, रावणवाड़ी (गोंदिया). 27 फरवरी को गोंदिया जिला परिषद में आयोजित पेंशन अदालत में शिक्षक संगठनों ने जब वर्ष 2018 से लंबित चटोपाध्याय एवं चयन श्रेणी प्रस्ताव के संबंध में जानकारी मांगी तो शिक्षा विभाग के अधिकारी इसका कोई जवाब नहीं दे पाए। दिसंबर 2023 की पेंशन अदालत के कार्यवृत्त में 250 लोगों के प्रकरणों की जांच किए जाने का उल्लेख किया गया था। लेकिन अब तक एक भी प्रकरण का निपटारा नहीं हो सका।
शिक्षा विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग में तालमेल न होने की बात
जिस पर उपस्थित जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरुगनंथम एम. ने शिक्षा विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग में तालमेल न होने की बात कहते हुए नाराजगी व्यक्त की एवं इसके लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लंबित प्रकरणों की जानकारी के लिए आरटीई लगाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को परेशानियां नहीं होनी चाहिए। उनके प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ हल करने के निर्देश भी उन्होंने संबंधित अधिकारियों को दिए।
कम्प्यूटर वसूली राशि, नक्सल भत्ता, वसूली राशि लौटाने के लिए पंचायत समिति को निधि भेजने को कहा। पेंशन अदालत में शिक्षा विभाग के बघेले ने बताया कि सातवे वेतन आयेाग की दूसरी, तीसरी एवं चौथी किश्त की राशि, उपदान, अंशराशिकरण निधि पंचायत समिति को हस्तांतरित की गई है।
सभा में जिप सीईओ मुरुगनंथम एम, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी जी.आर. खामकर, शिक्षाधिकारी डा. महेंद्र गजभिये, उपलेखा व वित्त अधिकारी निशाड, कक्ष अधिकारी बांगडे, शिक्षा विभाग के कक्ष अधिकारी सौरभ अग्रवाल, सभी संवर्ग के विभाग प्रमुख, तहसील अधिकारी सहित महाराष्ट्र राज्य सेवानिवृत्त शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी व अधिकारी संगठन के जिलाध्यक्ष एल.यू. खोब्रागड़े, पी.आर. पारधी, पी.एन. बडोले, ओमप्रकाश वासनिक, एन.आर. ठाकरे, बोपचे, के.एस. शिवणकर, आनंद पुंजे, डी.जी. बिसेन, भेलावे, बनकर, येरणे आदि उपस्थित थे।
Created On :   29 Feb 2024 7:18 PM IST