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लोकसभा चुनाव: काउंट डाउन शुरू उम्मीदवारों को लेकर सर्वेक्षण पूरा
- उम्मीदवारों को लेकर सर्वेक्षण पूरा
- बूथ स्तर से लेकर ऊपर तक बैठकों का दौर
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। वर्ष 2024 के अप्रैल-मई में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से संभावित उम्मीदवारों को लेकर सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और बूथ स्तर से लेकर ऊपर तक बैठकों का दौर लगातार चल रहा हैं। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ में मतदान पुरा हो चुका है। 3 दिसंबर को उक्त दोनों राज्यों के साथ ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का परिणाम आने के बाद राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आने की संभावना है। भंडारा-गोंदिया लोकसभा चुनाव के लिए अभी से इच्छुक उम्मीदवारों ने अपने-अपने दलों के अंदर मोर्चेबंदी के साथ ही मतदाताओं से प्रत्यक्ष संपर्क शुरू कर दिया है। चूंकि राज्य में दो क्षेत्रीय दलों शिवसेना एवं राकांपा में विभाजन के बाद दलों की संख्या भी बढ़ी हैं और समीकरण भी बदले है। इसलिए बदले हुए समीकरणों में चाहे वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन हो या इंडिया गठबंधन इनमें कौनसी सीट इनके किस घटक के हिस्से में जाएगी, यह कहना कठिन है। चूंकि 2024 का लोकसभा चुनाव दोनों ही राष्ट्रीय गठबंधनों के लिए जीवन-मरण का प्रश्न है। इसलिए हर सीट पर सौ बार सोच-विचार कर उम्मीदवार उतारे जाएंगे। जिसकी जीत की सबसे अधिक गारंटी होंगी ऐसे ही उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा।
कांग्रेस की ओर से हाईकमान प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले को चुनाव लढ़ने के लिए कह सकता है, ताकि जिले में कमजोर हो चुकी कांग्रेस में नए प्राण फूके जा सकें। इसके अलावा पूर्व मंत्री बंडु सावरबांधे, पूर्व विधायक अनिल बावनकर के नाम भी चर्चा में है। वहीं एनडीए की ओर से यदि यह सीट राकांपा के हिस्से में गई तो सबसे पहला नाम सांसद प्रफुल पटेल का ही होगा और पार्टी में उनके इंकार के बाद ही दुसरा नाम पर विचार किया जाएगा। जबकि यह सीट यदि भाजपा के हिस्से में आई तो वर्तमान सांसद सुनील मेंढे जो इन दिनों क्षेत्र में लगातार दौरे कर रहे है स्वाभाविक दावेदार होंगे और उम्मीदवार बदलने की स्थिती में पूर्व मंत्री डा. परिणय फुके, पूर्व जिप अध्यक्ष विजय शिवणकर, पूर्व विधायक रमेश कुथे, विधायक विजय रहांगडाले, पूर्व सांसद शिशुपाल पटले के नामों पर भी विचार किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव की घोषणा में अब केवल तीन-चार माह का समय शेष बचा है। जिसे देखते हुए राजनितिक हलचल भले ही उपर दिखाई नहीं पड़ रही है, लेकिन अंदरखाने काफी तेज हो गई है। 5 राज्यों के चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद सारे देश के साथ ही जिले में भी राजनितिक गतिविधियां काफी तेज हो जाएगी और जिलावासियों को अनेक राजनितिक समीकरण भी देखने मिलेगे यह तय है।
Created On :   28 Nov 2023 7:15 PM IST