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छिंदवाड़ा: पेंच पार्क के बाघों ने लांघी बार्डर, अकेले चौरई क्षेत्र में तीन माह में ३८ से ज्यादा मवेशियों का शिकार
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/चौरई। पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन से लगे हुए चौरई क्षेत्र और इसके आसपास बाघों के मूवमेंट के साथ ठिकाना बन गया है। हालात यह है कि पेंच पार्क के बाघों ने बार्डर लांघकर अब रहवासी क्षेत्रों के आसपास अपना ठिकाना बना लिया है। जिसका खामिया रहवासी क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। अकेले चौरई क्षेत्र और इसके आसपास गांवों के हाल यह है कि पिछले तीन माह में इस क्षेत्र में वन विभाग ने ३८ पशु हानि के मामले बनाए है जहां वन्यप्राणियों ने पालतू पशुओं मवेशियों का शिकार किया है। वन अमले के मुताबिक पिछले 3 माह में 38 प्रकरण बनाया गए हैं। इनके प्रकरणों को जिला कार्यालय भेज दिया गया हैं। इन प्रकरणों में वन विभाग को 5 लाख 25 हजार का मुआवजा पशु मालिकों को दिया जा चुका हैं। इसके बाद भी अन्य मामले अब भी पेडिंग है।
औसतन हर माह...१५ से ज्यादा मवेशियों का शिकार
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 2 साल से पार्क से चार से अधिक बाघ निकलकर चौरई के जंगलों को अपना ठिकाना बना चुके हैं। वन अमले के मुताबिक औसतन हर माह 15 से अधिक मवेशियों का शिकार वन्य प्राणी कर रहे हैं। नवंबर माह में ही 15 से अधिक मामले सामने आए हैं। मंगलवार को वन अमले ने 15 प्रकरण भेजेंं। इनमें सबसे ज्यादा बाघ द्वारा शिकार के मामले हैं।
पिछले कुछ दिनों में हुए शिकार
6 दिन पहले सीताझिर के पास बाघ ने 5 मवेशियों का शिकार किया। ग्रामीणों की नाराजगी के बाद वन अमले ने इनके मालिकों को 30 हजार प्रति मवेशी की दर से मुआवजा का प्रस्ताव बनाया हैं। इससे पहले मोरखा के पास बाघ ने एक ही रात को 3 बैल का शिकार किया था। वैसे तो तत्काल मुआवजा का प्रकरण बना दिया जाता है लेकिन मुआवजा मिलने में मवेशी पालकों को महीनों लग जाते हैं।
- 70 हजार की गाय के भी 30 ही हजार मिले
वन विभाग द्वारा गाय और बैल, भैंस के लिए अधिकतम 30 हजार और घायल मवेशी के उपचार का खर्चा दिया जाता हैं। हालांकि कई जगह बेहद कम हैं। भाजपा मंडल अध्यक्ष शैलेंद्र बबलू पटेल के हरदुआ स्थित खेत में बाघ के शावक के गिरने के बाद यहां बाघिन ने उनकी गिर नस्ल की गाय का शिकार कर लिया था। 70 हजार की गाय के एवज में महज 30 हजार का ही प्रकरण बनाया गया था। वन्य प्राणी सियार के काटने से एक व्यक्ति की मौत हो चुकी हैं। वन अमले के मुताबिक मरकावाड़ा के पास सियार के काटने से व्यक्ति की मौत हुई थी, जिस पर 9 लाख का मुआवजा का प्रकरण बनाया गया हैं।
- बढ़ते प्रकरणों के बाद मौके पर वीडियो कॉल के लिए कहा
वन प्राणियों द्वारा लगातार मवेशियों को लगातार शिकार बनाने के बाद वन अमला भी चिंतित हैं। हर माह 3 से 4 लाख का मुआवजा सिर्फ मवेशियों के मालिकों को देना पड़ रहा हैं। जिससे वन अमला भी चिंतित हैं। एसडीओ ने तो बकायदा मौके पर जाकर प्रकरण बनाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद वन अमला अब मौके पर जाकर प्रकरण बना रहा हैं।
इनका कहना हैं।
पार्क से निकल कर लगातार वन्य प्राणी आ रहे हैं, एक साल में तो उन्होंने चौरई के पार्क से लगे जंगलों और क्षेत्र को अपना ठिकाना बना लिया हैं। हर माह 10 से अधिक मवेशियों का शिकार वन्य प्राणी कर रहे हैं। आज ही 15 मवेशियों के शिकार का प्रकरण भेजा गया हैं।
- हीरालाल सनोडिया, वन परिक्षेत्र अधिकारी चौरई
Created On :   22 Nov 2023 4:47 PM IST