Bhandara News: सिंचाई के लिए पानी की मांग लेकर गोसीखुर्द परियोजना कार्यालय पहुंचे किसान

सिंचाई के लिए पानी की मांग लेकर गोसीखुर्द परियोजना कार्यालय पहुंचे किसान
  • नहर के अंतिम छोर तक नहीं पहुंच रहा पानी
  • किसानों ने ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाई

‌‌Bhandara News गोसीखुर्द परियोजना के नहरों के माध्यम से पानी छोड़े जाने जानकारी पर किसानों ने ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाई। लेकिन विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल की गोसीखुर्द परियोजना के गोसीखुर्द उपसा सिंचाई बोर्ड के अनियोजित कार्य के चलते कई किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। परिणामस्वरूप किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। सोमवार, 3 फरवरी को किसानों ने अंबाड़ी स्थित गोसीखुर्द सिंचाई बोर्ड के कार्यालय पर पहुचे। मांगों पर अधिकारियों से चर्चा करने पर उन्हें पानी छोड़ने का आश्वासन दिया गया।

लाखांदुर तहसील के पेंढरी (सो.), तिरखुरी, हरदोली, सोनेगांव क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन धान की खेती के कार्य शुरू हो चुके हंै। किसानों ने 1 जनवरी को पानी छोड़ने की मांग की। इस समय धान की नर्सरी के लिए पानी की सख्त जरूरत है। संबंधित अधिकारियों द्वारा नहर से पानी छोड़ा गया पर पानी अंतिम छोर पर मौजूद क्षेत्र के किसानों तक पहुंचने से बंद कर दिया गया। परिणामस्वरूप 40-50 नाराज किसान सीधे अंबाड़ी कार्यालय पहुंचे और अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। इस दौरान अधिकारियों ने नाराज किसानों की शिकायतें सुनीं और उन्हें आश्वासन दिया कि जब तक पानी अंतिम बिंदु तक नहीं पहुंचता, तब तक सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता रहेगा। जिसके बाद नाराज किसानों ने अपना विरोध वापस ले लिया। इस अवसर पर गोपाल रोहनकर, विलास दहेलकर, केशव रोहनकर, प्रदीप शेंडे, भास्कर रोहनकर, नाशिक मेश्राम, गुलाब मेश्राम, दादा रोहनकर, मच्छिंद्र शेंडे, पुण्यवान मेश्राम, नरेश भोयर सहित अनेक किसान उपस्थित थे।

पानी को अंत तक नहीं पहुंचने देते अधिकारी : इस दौरान गुस्साए किसानों ने बताया कि सिंचाई अधिकारियों द्वारा पानी छोड़ने की बात कही जाती है। छोड़े गए पानी को अंतिम गंतव्य तक पहुंचने के पहले ही नहर का पानी बंद कर दिया जाता है। पेंढरी (सो.) के किसान गोपाल रोहनकर ने बताया कि इसके कारण किसानों को फसल नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

100 एकड़ क्षेत्र की धान की फसल खतरे में : पेंढरी (सो.), तिरखुरी, हरदोली, सोनेगांव क्षेत्रों के किसान नेरला उपसा सिंचाई योजना के पानी पर निर्भर होकर ग्रीष्मकालीन धान की फसल उगाते हैं। दो दिन पहले क्षेत्र के किसानों के लिए पानी छोड़ा गया था। हालांकि, पानी को अंत तक पहुचने से पहले ही बंद कर दिया गया। नाराज किसानों ने बताया कि इससे करीब 100 एकड़ धान की फसल खतरे में पड़ गई है।

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  • 4 Feb 2025 12:27 PM IST

    किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा

    गोसीखुर्द परियोजना के नहरों के माध्यम से पानी छोड़े जाने जानकारी पर किसानों ने ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगाई। लेकिन विदर्भ सिंचाई विकास महामंडल की गोसीखुर्द परियोजना के गोसीखुर्द उपसा सिंचाई बोर्ड के अनियोजित कार्य के चलते कई किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। परिणामस्वरूप किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। सोमवार, 3 फरवरी को किसानों ने अंबाड़ी स्थित गोसीखुर्द सिंचाई बोर्ड के कार्यालय पर पहुचे। मांगों पर अधिकारियों से चर्चा करने पर उन्हें पानी छोड़ने का आश्वासन दिया गया।

Created On :   4 Feb 2025 12:24 PM IST

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