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नामांकन: 22 नामांकन वैध- 18 अवैध, पुनर्निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी कार्यालय की घोषणा
- लोकसभा चुनावों के नामांकन
- जिलाधिकारी कार्यालय में पुनर्निरीक्षण किया
डिजिटल डेस्क, भंडारा। जिले में गुरुवार शाम को लोकसभा चुनावों के नामांकन का जिलाधिकारी कार्यालय में पुनर्निरीक्षण किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी योगेश कुंभेजकर तथा चुनाव निरीक्षण अधिकारी विनय सिंह के नेतृत्व में यह प्रक्रिया पूर्ण हुई। इस समय 40 में से 22 उम्मीदवारों ने नामांकन वैध पाए गए। जबकि 15 नामांकन अवैध पाए गए। इसमें राजनीतिक पार्टियों के तीन, पंजियकृत न रहने वाले पर मान्यता पाप्त पार्टी के उम्मीदवारों के चार नामांकन तथा तथा 15 निर्दलीय उम्मीदवारों के नामांकन वैध पाए गए।
अब 30 मार्च तक उम्मीदवार अपने नामांकन वापस ले सकेंगे। जिसके बाद चुनावी मैदान में कितने उम्मीदवार बचते हैं यह स्पष्ट होगा। इसी के साथ चुनाव में जातिगत समीकरण के अनुसार किस दल को लाभ होगा या किसे नुकसान यह समझने लगेगा। बता दें कि बसपा, वंचित बहुजन आघाड़ी तथा निर्दलीय उम्मीदवार बड़े राजनीतिक दलों के लिए मुसीबत बन सकते हैं। 30 मार्च को उम्मीदवारी पीछे लेने के बाद चुनावी समीकरण बदलते जाएंगे।
बागी कुंभलकर भाजपा से निष्कासित, बसपा से भरा था नामांकन
पार्टी से उम्मीदवारी न मिलने पर भाजपा के जिला महामंत्री संजय कुंभलकर ने बहुजन समाज पार्टी से बुधवार को नामांकन दाखिल किया। इस बगावत के लिए भाजपा के जिलाध्यक्ष प्रकाश बालबुधे ने गुरुवार 28 मार्च को कुंभलकर को पार्टी से निष्कासित किया है। कुंभलकर भाजपा के टिकट पर नगरसेवक रह चुके हैं। वर्ष 2016 – 17 में कुंभलकर ने भाजपा से नगराध्यक्ष का टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया।
इस बार भी जातिगत समीकरण को देखते हुए कुंभलकर ने पार्टी से लोकसभा का टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने मौजूदा सांसद सुनील मेंढे को फिर से टिकट दिया। जिसके चलते पार्टी से नाराज चल रहे कुंभलकर ने 26 मार्च को बसपा में प्रवेश किया और 27 मार्च को लोकसभा के लिए नामांकन दाखिल किया।पार्टी से बगावत करने पर भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश बालबुधे ने संजय कुंभलकर को भाजपा जिला महामंत्री पद से हटाकर पार्टी से निष्कासित किया।
Created On :   29 March 2024 1:33 PM GMT