इस गांव की लीला न्यारी: आखिरकार खोजी दल को मिल की गए दामादजी, गाजे-बाजे के साथ गधे पर निकली सवारी

आखिरकार खोजी दल को मिल की गए दामादजी, गाजे-बाजे के साथ गधे पर निकली सवारी
  • होली के मौके पर सालों पुरानी परंपरा में फिर रंग जमा
  • गाजे बाजे के साथ गधे की सवारी पर निकले नए दमादजी
  • इमली के पेड़ पर छुपे हुए थे दामादजी

डिजिटल डेस्क, बीड. विडा गांव में गाजे बाजे के साथ गधे की सवारी पर निकले नए दमादजी ने आखिरकार होली के मौके पर सालों पुरानी परंपरा में रंग जमा ही दिया। टीम को कड़ी मशक्कत के बाद एक गधा भी मिल गया था। सवारी के लिए दामदजी को मनाना भी कम मशक्कत भरा नहीं था। डीजे की धुन और गधे पर विराजे दामादजी को रंग लगाने हर कोई आतुर दिखा। सोमवार सुबह तय समय साढ़े 10 बजे जुलूस शुरु हुआ, जो दोपहर साढ़े 12 बजे समाप्त हो गया। मंदिर पहुंचने के बाद दामादजी को ससुर ने शानदार पोशाक और सोने की अंगूठी भी भेंट की।

इस वर्ष एकनाथ पवार के दामाद संतोष जाधव को ढ़ूंढने के लिए गांववालों के खोजी दल की टीमों को जमकर पसीना बहाना पड़ा। जैसे ही भनक लगी कि संतोष जाधव फरार हो गए हैं, तो उनकी तलाश शुरु हो गई। जो पेशे से एक वकील हैं, जो इमली के पेड़ पर छुपे हुए थे। शिंडी में जीजा-साले की टीम ने परंपरा को निभाने के लिए उन्हें अपनी हिरासत में लिया।


यहां से उन्हें अज्ञात स्थान पर रखा गया था, इसके बाद होली के दिन ग्राम पंचायत कार्यालय से जुलूस शुरू हुआ। जो पूरे गांव से होता हुआ हनुमान मंदिर पहुंचा। इसके बाद दामादजी संतोष जाधव को सम्मानित किया गया। नजारा देखने वालों का भी तांता लगा रहा।

वैसे तो खोजी जवाई टीम ने सबसे पहले दामाद अशोक भोसले को हिरासत में लिया था। जहां से उन्हें गांव लाकर निगरानी में रखा था, लेकिन मौका देखते ही अशोक भोसले भागने में कामयाब हो गए।

इसके बाद सवाल उठने लगा कि अब दूसरा दामाद कैसे लाएं। फिर दो टीमें दामाद की तलाश में निकल पड़ीं। जिसमें पहली टीम सलाह एन.आर. शिंदे को सफलता हाथ नहीं लगी, तो दूसरी टीम शिंदी गांव से भोसले की तलाश में निकली। जो गांव के खेत में इमली के पेड़ पर छुपे हुए थे। टीम में नीचे उतार कर संतोष भोसले को हिरासत में लिया। तब जाकर परंपरा बादस्तूर कायम रह सकी।

Created On :   26 March 2024 12:52 PM GMT

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