आंदोलन: एसडीएम कार्यालय में महिलाओं ने फेंकी चूडिय़ां

  • रंगारी व सौंसर की शराब दुकान हटाने की मांग
  • भजन मंडलियों के साथ पहुंचे तहसील कार्यालय
  • ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-21 04:11 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में रंगारी व सौंसर की कंपोजिट शराब दुकान हटाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। सोमवार को रंगारी के ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में सांकेतिक धरना दिया और उग्र प्रदर्शन किया। ज्ञापन लेने एसडीएम के देरी से पहुंचने महिलाएं कार्यालय के भीतर घुसी और चूडिय़ां फेंकी। ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महिलाओं ने चेतावनी दी कि मांग पूरी नहीं हुई तो शराब दुकान के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरु करेंगे।

सोमवार को शाम चार बजे रंगारी से बड़ी संख्या में ग्रामीण पखवाज, वीणा और मंजीरे के साथ रघुपति राघव राजाराम का भजन गाते हुए तहसील कार्यालय के प्रांगण में पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने आधा घंटा सांकेतिक धरना दिया। ग्रामीण मांग कर रहे थे कि एसडीएम आकर उनकी बात सुनें। २० मिनट तक एसडीएम नहीं आए तो महिलाएं पुलिस के सुरक्षा घेरे को तोडक़र एसडीएम कार्यालय के भीतर घुस गई। यहां महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए अपने हाथ की चूडिय़ां निकाल कर एसडीएम की ओर फेंकी। पुलिस ने महिलाओं को कार्यालय से बाहर निकाला। ग्रामीणों को उग्र होते देख एसडीएम सिद्धार्थ पटेल कोर्ट का काम छोड़ तहसील कार्यालय के गेट पर पहुंचे और ज्ञापन लिया। ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उच्चाधिकारियों को अवगत कर समस्या का हल निकालने का प्रयास करेंगे।

तानाशाह हो गया है प्रशासन: चौरे

कार्यालय में एसडीएम के उपस्थित होने के बाद ग्रामीणों से ज्ञापन लेने नहीं आने पर विधायक विजय चौरे ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों और जनता का अपमान है, प्रशासनिक अधिकारी तानाशाह हो गए है। वे भूल गए हंै कि वे जनता के सेवक हैं। भाजपा के शासन में अधिकारी मदमस्त हो गए है। वे जनता की समस्याओं का निराकरण करने के बजाए शराब ठेकेदार का पक्ष ले रहे हैं।

इनका कहना है

आंदोलनकारियों को मिलने का समय दिया गया था, वे लेट हो गए। कोर्ट का कामकाज शुरू हो गया था। मैंने संदेश पहुंचाया था कि १० मिनट में पहुंच रहा हूं, फिर भी वे उग्र हो गए। उनकी समस्या सुन ली है निराकरण का प्रयास कर रहा हूं।

- सिद्धार्थ पटेल, एसडीएम

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