सतना: कब्र से निकाला गया त्रिपुरा राइफल्स के जवान का शव
- तीन सप्ताह पहले जवाहर नगर के पास मिला था मृत हालत में
- कोतवाली पुलिस सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालकर गुत्थी सुलझाने का प्रयास कर रही है।
- शव निकलवाने के लिए पुलिस ने एसडीएम के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर आदेश प्राप्त किया था।
डिजिटल डेस्क,सतना। तीन सप्ताह पहले सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत जवाहर नगर में लोक अभियांत्रिकी कार्यालय के बाहर मृत हालत में मिले त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की 7वीं बटालियन के जवान भूरे सिंह पुत्र खिमला भामर 50 वर्ष, निवासी मोहकमपुरा, जिला झाबुआ, का शव बुधवार दोपहर को पत्नी शारदा भामर 45 वर्ष, पुत्र उम्मेद भामर 23 वर्ष और पुत्री प्रियांशी 19 वर्ष, की मौजूदगी में कब्र से बाहर निकाला गया।
इसके बाद आवश्यक कार्रवाई कर लाश परिजन के सुपुर्द किया गया, जो शाम 5 बजे विशेष वाहन से झाबुआ के लिए रवाना हो गए। शव निकलवाने के लिए पुलिस ने एसडीएम के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर आदेश प्राप्त किया था। शव उत्खनन के समय सिटी कोतवाल शंखधर द्विवेदी और नायब तहसीलदार मौजूद थे।
20वें दिन मिला अज्ञात मृतक को नाम
गौरतलब है कि 12 जून 2024 की शाम को लोक अभियांत्रिकी कार्यालय की बाउंड्री के पास अज्ञात व्यक्ति की लाश बरामद हुई थी, लेकिन उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। दो दिन तक इंतजार करने के बाद पोस्टमार्टम कराते हुए शव को दफना दिया गया।
अंतत: 20वें दिन झाबुआ के मोहकमपुरा निवासी भामर परिवार ने कोतवाली में सम्पर्क कर फोटो के आधार पर मृतक की पहचान भूरे सिंह के रूप में कर ली और शव लेने के लिए निकल पड़े, जो कि बुधवार सुबह 8 बजे सतना पहुंचे, मगर प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं पहुंचने से आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करने में कई घंटे जाया हो गए, अंतत: दोपहर 2 बजे नायब तहसीलदार के आने पर पोकलिन मशीन से कब्र खोदी गई।
9 जून को अगरतला से रवाना हुआ था मृतक
सतना आए परिजनों के मुताबिक भूरे सिंह त्रिपुरा स्टेट राइफल्स की 7वीं बटालियन में पदस्थ होकर संगकुमाबरी-जामपुईजाला में तैनात थे। वे छुट्टी लेकर 9 जून को ट्रेन क्रमांक 01666 में अगरतला स्टेशन से भोपाल के लिए रवाना हुए थे, उसी दिन पत्नी की फोन पर बात भी हुई, मगर निर्धारित कार्यक्रम के तहत 12 जून तक गांव नहीं पहुंचे और फोन पर भी कोई बात नहीं हुई। सम्पर्क करने पर मोबाइल बंद आया, अंतत: 16 जून को परिजन ने बटालियन में पता किया तो 9 जून को रवाना होने की जानकारी दी गई।
झाबुआ एसपी के हस्तक्षेप पर सुलझी गुत्थी
ऐसे में घर वालों ने नजदीकी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास किया, मगर सुनवाई नहीं हुई तो झाबुआ पुलिस अधीक्षक से शिकायत की गई, जिनके द्वारा जांच-पड़ताल कराने पर 11-12 जून को मृतक के फोन की अंतिम लोकेशन सतना में मिली।
तब 1 जुलाई को सतना पुलिस से सम्पर्क किया गया, तो अज्ञात लाश की फोटो झाबुआ भेजी गई, जिसे देखते ही परिजन ने पहचान लिया और यहां आने के लिए निकल गए। अभी यह रहस्य सुलझाना शेष है कि भूरे सिंह के साथ क्या हुआ और वह किन परिस्थितियों में ट्रेन के सफर से गायब होकर सतना में उतर गया, जहां उसकी मौत हो गई।
कोतवाली पुलिस सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालकर गुत्थी सुलझाने का प्रयास कर रही है।