सतना: नाबालिग को अगवा कर बंधक बनाने के 2 इनामी आरोपी गिरफ्तार
- 7 माह से चल रही थी दोनों की तलाश
- मौका पाकर नाबालिग भाग निकली और भटकते हुए पुलिस के हाथ लग गई।
- परिजन की रिपोर्ट पर धारा 363 का अपराध दर्ज कर खोजबीन प्रारंभ की गई।
डिजिटल डेस्क,सतना। काम के बहाने नाबालिग को अगवा कर तीन सप्ताह तक बंधक बनाकर रखने के 2 इनामी आरोपियों को नागौद पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। टीआई अशोक पांडेय ने बताया कि 6 नवंबर 2023 को मजदूरी लेने निकली 17 वर्षीय नाबालिग रहस्यमय ढंग से लापता हो गई, तब उसके परिजन की रिपोर्ट पर धारा 363 का अपराध दर्ज कर खोजबीन प्रारंभ की गई।
इसी बीच 27 नवंबर को मुखबिर की सूचना पर लडक़ी को खोज निकाला गया, जिससे पूछताछ में पता चला कि घर से निकलने के बाद वह बुआ के पास जा रही थी, तभी रिश्ते की चाची शीला पति सादित्य पटेल 30 वर्ष और संतोष कुशवाहा पुत्र फुलारी प्रसाद 24 वर्ष, निवासी मानिकपुर मिल गए, जो काम दिलाने के बहाने अपने साथ सतना ले आए और एक सप्ताह तक कमरे में बंधक बनाए रखा, फिर चित्रकूट ले गए, जहां 10 दिन तक वृन्दावन आश्रम में रोके रखा।
इस बीच दोनों लोगों ने बाहर नहीं जाने दिया और न ही घर वालों से बात करने दी। अंतत: मौका पाकर नाबालिग भाग निकली और भटकते हुए पुलिस के हाथ लग गई।
बढ़ाई गईं धारा, एसपी ने घोषित किया इनाम
लडक़ी के बयान पर धारा 363 के प्रकरण में आईपीसी की धारा 344, 346, 363, 365 और 506बी का इजाफा कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई, लेकिन दोनों फरार हो चुके थे। ऐसे में पुलिस कप्तान आशुतोष गुप्ता ने शीला और संतोष की गिरफ्तारी के लिए 5-5 हजार का इनाम घोषित कर दिया।
लगभग 7 माह की खोजबीन के पश्चात 27 जून को मुखबिर से मिली सूचना पर आरोपियों को अलग-अलग जगह से पकड़ लिया गया, जिन्हें न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
इस कार्रवाई में साइबर सेल प्रभारी अजीत सिंह, एएसआई रविशंकर शुक्ला, अजीत वर्मा, प्रधान आरक्षक अर्पित सेन, फूलेन्द्र दुबे, आरक्षक वीरबहादुर सिंह, सतेन्द्र सिंह, स्नेह साहू, धर्मेन्द्र सिंह, सीतू सिंह, धनेन्द्र दाहिया और सैनिक रमेश वर्मा ने अहम भूमिका निभाई।