आईसेक्ट द्वारा वोकेशनल एजूकेशन पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन

एजूकेशन आईसेक्ट द्वारा वोकेशनल एजूकेशन पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन

Bhaskar Hindi
Update: 2022-07-09 13:44 GMT
आईसेक्ट द्वारा वोकेशनल एजूकेशन पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट द्वारा ‘स्कूलों में वोकेशनल एजूकेशन की पुनः संकल्पना और वोकेशनल कॉर्डिनेटर्स के लिए क्षमता निर्माण कार्यशाला’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हाल ही में सेलेस्टियल पार्क होटल में किया गया। इस सम्मेलन और क्षमता निर्माण कार्यशाला के द्वारा व्यावसायिक समन्वयकों, उद्योग विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों को एक मंच प्रदान करने का प्रयास किया गया था जिससे नए इनोवेशनल, ट्रेंड्स और समस्याओं के साथ ही वोकेशनल एजूकेशन के क्षेत्र की व्यवहारिक चुनौतियों और समाधानों पर चर्चा की जा सके। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. वी.एस. मेहरोत्रा, संयुक्त निदेशक, पीएसएससीआईवीई मौजूद रहे। वहीं, सम्मानीय अतिथि के रूप में श्री संतोष चौबे, अध्यक्ष, आईसेक्ट उपस्थित रहे, जिन्होंने प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया।

इस दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की शुरुआत श्री अभिषेक गुप्ता, नेशनल प्रोजेक्ट मैनेजर, आईसेक्ट और डॉ अदिति चतुर्वेदी, निदेशक, एजीयू के उद्घाटन उद्बोधन से हुई। कॉन्फ्रेंस के दौरान “वोकेशनल एजूकेशन के भविष्य के रुझानों में उभरते दृष्टिकोण”, “वोकेशनल एजूकेशन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए संस्थागत विकास”, “एनईपी 2020: भारत में वोकेशनल एजूकेशन के लिए रणनीति और नीतियां”, “स्कूलों में वोकेशनल एजूकेशन की उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए व्यवसायिक समन्वयकों और शिक्षकों का विकास”, “वोकेशनल उत्कृष्टता के अनुभवों और दृष्टिकोणों को साझा करना” शामिल रहे।

सम्मेलन के बारे में बात करते हुए, आईसेक्ट के अध्यक्ष, श्री संतोष चौबे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “शिक्षा की वर्तमान स्थिति और हमारे लक्ष्यों के बीच बड़ी खाई है जिसे पाटने के लिए बड़े सुधारों की  आवश्यकता है जिनमें उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा, समानता और सिस्टम में समरूपता शामिल हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक बहुप्रतीक्षित सुधार है जिसका उद्देश्य शिक्षा के लिए एक समावेशी और समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। यह 21 वीं सदी की शिक्षा के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के के अनुरूप एक नई प्रणाली बनाने के लिए रेगुलेशन और गवर्नेंस में आवश्यक सुधार को प्रस्तावित करती है। शिक्षा प्रणाली में सुधार की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आईसेक्ट ने स्कूली छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के रूप में पहला कदम उठाया है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. वी.एस. मेहरोत्रा ​​ने एनईपी 2020 के जरिए व्यावसायिक शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने हमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा के दायरे के बारे में बताया और यह कैसे रोजगार के अवसर पैदा करने में उपयोगी होगा। साथ ही यह किस प्रकार देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ा रहा है, इस पर भी प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में नेतृत्व कौशल और टीम निर्माण गतिविधियों पर सत्रों का आयोजन किया गया था जिससे स्कूलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण के संदर्भ में पारिस्थितिकी तंत्र को समझना, संबंधित क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धियों पर शोध और परियोजना के संचालन और लेखांकन को समझना आसान हो सके। साथ ही इस दौरान जहां एक ओर राज्य की सभी टीमों द्वारा व्यावसायिक शिक्षा की स्थिति के बारे में प्रेजेंटेशन दिए गए। वहीं, ट्रेनर्स और राज्यों को श्रेणीवार बेस्ट वोकेशनल अवॉर्ड्स प्रदान किए गए।

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