समृद्धि महामार्ग: बुरे हाल में शौचालय हुए पूरी तरह से बंद, वाहन चालकों को हो रही परेशानी

  • करोड़ों की राशि से देखभाल
  • सबकुछ ठीक है, मुआयना किया

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-31 13:13 GMT

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समृद्धि महामार्ग पर बने शौचालय कुछ ही महीनों में खराब स्थिति में आ गए हैं। 7 साल पहले राज्य सरकार ने उपराजधानी और मुंबई को बेहद तेज गति महामार्ग से जोड़ने का फैसला किया था। ऐसे में राज्य रास्ते विकास महामंडल (महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कार्पाेरेशन) ने हिंदूहदय सम्राट बालासाहब ठाकरे समृद्धि महामार्ग का निर्माणकार्य कराया है। इस रास्ते पर वाहनचालकों को मजबूत रास्ते के साथ स्वच्छ शौचालय, बेहतर खाद्य सुविधा देने का दावा किया गया। निर्माणकार्य करनेवाली ठेका एजेंसियों को हर साल देखभाल के लिए करोड़ों की राशि का भुगतान भी किया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता में महामार्ग के बुरे हाल बने हुए है। पिछले करीब 1 माह से टोल प्लाजा के समीप के बाथरूम गंदगी और कमोड के टूटने से बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में वाहनचालकों को वाहनों को रास्ते पर रोकने की नौबत आ गई है, जबकि नियमों के तहत इस महामार्ग पर वाहनों को रोकने की सख्त मनाही है।

राज्य रास्ते विकास महामंडल (महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कार्पाेरेशन) ने हिंदूहदय सम्राट बालासाहब ठाकरे समृद्धि महामार्ग का निर्माणकार्य कराया है। जमीन अधिग्रहण के साथ ही निर्माणकार्य समेत अन्य प्रक्रिया के साथ लागत करीब 55,000 करोड़ रुपए आई है। मुंबई से नागपुर को 701 किमी में जोड़नेवाले महामार्ग का नागपुर से शिर्डी तक पहला चरण 11 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों उद्घाटन हुआ है। नागपुर से पुलगांव तक दो पैकेज वाले इलाकों की देखभाल और दुरूस्ती की जिम्मेदारी दो एजेंसी को दी गई है।

करोड़ों की राशि से देखभाल

हिंदूहदय सम्राट बालासाहब ठाकरे समृद्धि महामार्ग में नागपुर से सेलडोह और सेलडोह से पुलगांव तक दो पैकेज का समावेश है। इसमें से नागपुर से सेलडोह तक के रास्ते का निर्माणकार्य 1565 करोड़ रुपए में हैदराबाद की मेघा इंजीनियरिंग कंपनी ने किया है, जबकि सेलडोह से पुलगांव तक 2700 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणकार्य एफकॉन कंपनी ने किया है। अनुबंध के तहत दोनों कंपनियों को 4 साल के लिए देखभाल और दुरूस्ती का जिम्मेदारी दी गई है। एमएसआरडीसी से दोनों कंपनियों को पहले साल देखभाल के लिए कुल लागत की 0.25 फीसदी राशि दी जाती है। अगले तीन सालों में दस राशि को चरणबद्ध रूप में 1 फीसदी तक भुगतान हो रहा है। मेघा इंजीनियरिंग को पहले साल 7 करोड़ रुपए और एफकॉन कंपनी को 3.91 करोड़ रुपए मिले है। बावजूद इसके सुपर एक्सप्रेस हाइवे पर बरसात में गड्‌ढों, रात में बंद स्ट्रीट लाइट और बुरी अवस्था वाले बाथरूम नजर आ रहे है।

सबकुछ ठीक है, मुआयना किया

भूषण मालखंडाले, कार्यकारी अभियंता, एमएसआरडीसी, नागपुर-वर्धा कार्यक्षेत्र के मुताबिक समृद्धि महामार्ग पर लगातार मुआयना कर रहा हूं। इस रूट के शौचालय पूरी तरह से ठीक और बेहतर रूप में मौजूद है। बावजदू ठेका एजेंसी को निर्देश देकर समीक्षा कराई जाएंगी।


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