Nagpur News: अब वोट कटवा की भूमिका से उबरने के प्रयास में वंचित आघाड़ी, आरक्षित सीटों पर फोकस

  • एससी, एसटी के लिए आरक्षित सीटों पर फोकस
  • वंचित आघाड़ी का गिरा वोट प्रतिशत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-24 07:05 GMT

Nagpur News : बहुजनवादी राजनीति के दावे के साथ चुनाव मैदान में दम ठोंक रही वंचित बहुजन आघाड़ी को लेकर सवाल बना हुआ है कि क्या आघाडी इस बार वोटकटवा की छवि से उबर पायेगी। आघाड़ी ने इस बार एससी, एसटी के लिए आरक्षित सीटों पर अधिक फोकस रखा है। वंचित बहुजन आघाड़ी ने विविध प्रयोग किए है। 1993-94 में प्रकाश आंबेडकर ने तीसरी शक्ति को उभारते हुए कांग्रेस भाजपा के खिलाफ चुनौती खडी करने का प्रयास किया। भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के विविध संगठन एकत्रित हुए। 1995 में नए मंच का विस्तार हुआ। यह वह दौर था जब कांग्रेस के साथ गठबंधन कर आरपीआई के 4 लोकसभा सदस्य चुने गए। बाद में आरपीआई नेताओं की गुटबाजी बढ़ी। रामदास आठवले, रा.सु गवई, जोगेंद्र कवाड़े और प्रकाश आंबेडकर के बीच मतभेद हुए। आंबेडकर ने प्रयोग जारी रखे। उन्होंने भारिप बहुजन महासंघ का गठन किया। उसके 5 विधायक चुने गए। उनमें से 3 मंत्री बने। 20 मार्च 2018 को वंचित बहुजन आघाडी का गठन किया गया उसमें असदुद्दीन ओवेसी की एमआईएम पार्टी भी शामिल हुई।

गिरा वोट प्रतिशत

2014 के विधानसभा चुनाव में भारिप बहुजन आघाडी ने कई सीटों पर दूसरा व तीसरा स्थान पाया था। लेकिन बाद में उसका वोट प्रतिशत गिरता गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में वंचित व एमआईएम गठबंधन को 14 प्रतिशत वोट मिला था। उसमें 6.98 प्रतिशत वंचित आघाडी और 5.57 प्रतिशत एमआईएम को वोट मिले। 2024 के लोकसभा चुनाव में वंचित आघाडी का वोट प्रतिशत 2.77 प्रतिशत तक सीमित रह गया।

हार का कारण बनी

2024 के लोकसभा चुनाव में वंचित आघाडी का एक भी उम्मीदवार नहीं जीता लेकिन वह 4 से अधिक सीटों पर महाविकास आघाडी के लिए हार का कारण बनी। विदर्भ में भाजपा नागपुर व अकोला सीट ही जीत पायी है। इसमें भी अकोला में भाजपा की जीत के लिए वंचित उम्मीदवार प्रकाश आंबेडकर को माना गया। आंबेडकर ने 2,76,747 वोट पाए। कांग्रेस उम्मीदवार अभय पाटिल 40,626 वोटों के अंतर से पराजित हुए। बुलढाणा में शिवसेना उबाठा के नरेंद्र खेडकर 29,774,हातकणंगले में शिवसेना उबाठा के सत्यजीत पाटील 13,426 , उत्तर पश्चिम मुंबई में शिवसेना के अमोल कीर्तिकर 48 वोटों के अंतर से पराजित हो गए। इन सीटों पर वंचित उम्मीदवार को मिले वोट शिवसेना उबाठा की हार का कारण माना गया। विदर्भ में बुलढाणा 98,441, भंडारा-गोंदिया 24,858,चंद्रपुर 21, 980,गडचिरोली 15,922, वर्धा 15,422 व रामटेक लोकसभा क्षेत्र में वंचित को 1,884 वोट मिले।

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