Nagpur News: हफ्ताखोर निकला पुलिस सिपाही- साथी फरार, पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज
- ब्लैकमेल करने का आरोप
- 2 लाख वसूल करते गिरफ्तार
- धमकी देकर झांसे में लिया
Nagpur News : एक महिला को ब्लैकमेल कर उससेे हाई कोर्ट के पास 2 लाख रुपए का हफ्ता लेते हुए एक पुलिस सिपाही को रंगे हाथ सदर पुलिस ने धर-दबोचा, जबकि दूसरा साथी फरार बताया जा रहा है। सदर थाने में पीड़ित महिला की शिकायत पर धारा 308 (3), 308 (6), 3(5) भा. न्याय. संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी सिपाहियों के नाम सचिन दिलीप मेश्राम (36) बिल्डिंग नंबर 203, लाल गोदाम टेका नाका के पास जरीपटका और सचिन मुले बताया जा रहा है। हाल ही में हुडकेश्वर थाने में भी दो पुलिस सिपाहियों सहित 3 आरोपियों पर हफ़्ता वसूली का मामला दर्ज किया गया था। सचिन मेश्राम को सदर पुलिस ने मंगलवार को न्यायालय में पेश किया। न्यायालय ने उसे 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
यह है मामला : पुलिस सूत्रों के अनुसार, नूतन कालसर्पे ने सदर थाने में ग्रामीण पुलिस मुख्यालय में पुलिस सिपाही सचिन मेश्राम कार्यरत है। उसने महिला से कहा था कि उसका दोस्त सचिन मुले भी पुलिस सिपाही है और एक बड़े अधिकारी खासमखास है। वह सब कुछ ठीक कर देगा। पीड़िता का आरोप है कि 8 से 21 अक्टूबर के दरमियान उक्त दोनों आरोपी उसे ब्लैकमेल करते आ रहे हैं। नूतन कालसर्पे से आरोपी सचिन मेश्राम की पूर्व पहचान थी। नूतन के किसी दोस्त पर मानकापुर थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज है। इस मामले में नूतन का वह दोस्त जेल में बंद है।
धमकी देकर झांसे में लिया : इसी मामले को लेकर आरोपी सिपाहियों ने पीड़ित महिला नूतन के मोबाइल का सीडीआर निकाला। मेश्राम ने कहा कि इस मामले में तुमको (नूतन) भी आरोपी बनाया जाएगा। मेरा दोस्त सचिन मुले मामले को सेटल कर देगा। इसके लिए उसने 20 लाख रुपए की मांग की है। रकम अधिक होने की बात कहने पर नूतन से आरोपियों ने 12 लाख रुपए में सब कुछ ठीक करने की बात कही। आरोपी सिपाहियों ने 12 लाख रुपए में से दो बार 5-5 लाख (10 लाख रुपए) ले भी लिया। इसके बाद बाकी दो लाख रुपए के लिए नूतन को परेशान कर रहे थे।
वरिष्ठ थानेदार से लगाई गुहार
21 अक्टूबर को दोपहर में दो लाख रुपए देने की बात तय हुई थी, लेकिन दोनों सिपाहियों को और पैसे नहीं देना चाहती थी। उसने सदर के वरिष्ठ थानेदार मनीष ठाकरे के पास जाकर आपबीती सुनाई। इसके बाद पुलिस उपायुक्त राहुल मदने व मनीष ठाकरे के मार्गदर्शन में पुलिस दस्ते ने जाल बिछाकर आरोपी सचिन मेश्राम को हाई कोर्ट के पास धर-दबोचा। सचिन मुले अभी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। खोजबीन जारी है। प्रकरण की जांच उपनिरीक्षक आशीष जाधव कर रहे हैं।
शराब की अवैध तस्करी में लिप्त था सचिन मेश्राम : सचिन मेश्राम का कार्यकाल इससे पहले विवादित रहा है। वह चंद्रपुर में अवैध तरीके से शराब की खेप पहुंचाने के काम भी लिप्त रहा है। वह कार की सामने की सीट पर पुलिस की वर्दी में बैठ जाता था और शराब की खेप कार में लदकर आसानी से चंद्रपुर पहुंच जाया करती थी। उस समय चंद्रपुर में शराब बिक्री पर बंदी थी। जैसे अब गड़चिरोली में शराब पर पाबंदी है। उस समय अवैध शराब के धंधे में लिप्त पाए जाने पर सचिन मेेश्राम के खिलाफ कार्रवाई की। इसके बाद उसकी वर्दी उतर गई थी। काफी मशक्कत के बाद वह पुलिस विभाग में दोबारा कार्यरत हुआ। वह शहर में कई जगह पर कार्यरत रहा, लेकिन उसका कार्यकाल अधिकतर विवादों से घिरा ही रहा। बाद में उसका ग्रामीण पुलिस विभाग में तबादला कर दिया गया। वह मौजूदा समय में ग्रामीण पुलिस मुख्यालय में कार्यरत है।
पीड़िता को मानता था बहन
सूत्रों के अनुसार आरोपी सचिन मेश्राम जिस महिला को अपनी मुंहबोली बहन मानता था। उसको पता चला कि वह अपने पति से बच्चे के साथ अलग रहती है। महिला के दोस्त सोजल डुमरे पर अगस्त माह में मानकापुर थाने में एनडीपीएस के तहत कार्रवाई की गई है। वह जेल में बंद है। शातिर मेश्राम ने दिमाग लगाया और मुंहबोली बहन नूतन को ही ब्लैकमेल करने की प्लानिंग बना डाली। पहले उससे 5 लाख रुपए कलमना इलाके में और 5 लाख रुपए शहर आरटीओ के पास वसूला। 2 लाख लेते ही सदर पुलिस ने दबोच लिया। 9 अक्टूबर को सुबह 6 बजे सचिन मुले नामक व्यक्ति ने नूतन से मानेवाड़ा चौक में मुलाकात किया था। 2 लाख रुपए लेने के बाद महिला को सीडीआर की कॉपी दी थी।