Nagpur News: अपनी खासियत के लिए फेसम है इतवारी बाजार, 200 साल पहले बना था मार्केट

  • 200 साल पहले स्थापित मार्केट
  • सस्ती और अच्छी चीजों के लिए फेमस है
  • खुदरा से लेकर होलसेल का व्यापार

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-24 08:56 GMT

Nagpur News : त्यौहार के मौके पर बाजारों में रौनक लगी है। उपराजधानी की बात करें तो सबसे बड़ा और पुराना इतवारी बाजार पूरी तरह गुलजार हो चुका है। संतरानगरी मेट्रो सिटी है, साथ ही पूरे विदर्भ और इसकी सीमा से लगे राज्यों के लिए व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र भी है। यहां कई बड़े मार्केट हैं, जो अपनी पहचान और विशेषता के साथ अलग-अलग नामों से जाने जाते हैं। उनमें से एक ‘इतवारी बाजार’ है, जिसकी होलसेल मार्केट के रूप में भी पहचान है। दीपावली की शॉपिंग के लिए अगर किसी बाजार की चर्चा की जाए, तो सबसे पहला नाम इतवारी बाजार का लिया जाता है। किफायती दाम पर अच्छे समान के लिए इसकी अलग पहचान है।


इस बाजार में कैसे पहुंचें

इतवारी बाजार शहर के मध्य भाग में स्थित है, इसीलिए इस बाजार में पहुंचना काफी आसान है। बाजार के भीतर की गलियां संकरी होने के कारण यहां बस और मेट्रो की सुविधा नहीं है, लेकिन तीन पहिया और ई-रिक्शा से मार्केट के भीतर पहुंचा जा सकता है। दोसर वैश्य भवन चौक मेट्रो स्टेशन से इतवारी कुछ ही दूरी पर है। बर्डी, प्रजापति नगर, खापरी, ऑटोमोटिव चौक मेट्रो स्टेशन से दोसर वैश्य भवन चौक मेट्रो आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से कुछ ही दूरी पर इतवारी है।

रौनक देखते ही बनती है

इतवारी बाजार लगभग 200 साल पुराना है। इसका निर्माण नाइक काले ने किया था। यह बाजार सप्ताह में एक दिन इतवार को खुलता था, इसीलिए इसका नाम इतवारी बाजार पड़ा। उस समय देश के विभन्न राज्यों के लाेग इतवारी में आकर बसे थे, जो इस बाजार से वस्तुओं की खरीदी करते थे। अग्रेजों का शासन समाप्त होने के बाद यह बाजार रोज खुलने लगा। इतवारी में सर्राफा, कपड़ा, बर्तन, किराना, हार्डवेयर, लोहा, खिलौना आदि होलसेल के भाव में मिलते हैं। त्योहार में इतवारी बाजार की रौनक देखते ही बनती है। यह नागपुर का सबसे पुराना होलसेल मार्केट है। यहां से विदर्भ के साथ ही मध्य भारत के शहरों को सभी तरह के सामानों की सप्लाई होती है। थोेेक के साथ ही खुदरा व्यापार के लिए भी इतवारी प्रसिद्घ है। कम दाम में वस्तुएं उपलब्ध होने से शहर के अधिकांश लोग यहां से खरीदी करना पसंद करते हैं। शहर का सबसे बड़ा सर्राफा बाजार भी इतवारी में ही है। तरह-तरह के लेटेस्ट डिजाइन की ज्वेलरी इतवारी सर्राफा बाजार में मिल जाती है।

ब्रांडों को मिली पहचान

खरीदारी के साथ ही इस बाजार में खान-पान का भी आनंद लिया जा सकता है। बाजार में जगह-जगह खाने-पीने के होटल के साथ ही चाट, पानी-पूरी आदि फास्ट फूड की दुकानें हैं। इस मार्केट से कई नामी होटल और नमकीन ब्रांड का उदय हुआ है, जिनमें हल्दीराम, हीरा स्वीट्स आदि का समावेश है।


पार्किंग सुविधा नहीं

इतवारी बाजार काफी कंजेस्टेड होने के कारण यहां वाहन पार्क करने की बड़ी समस्या है। बाजार में किसी तरह दोपहिया वाहन लेकर तो जा सकते है, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था कहीं भी नहीं है। महानगर पालिका की ओर से भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई है। चार पहिया से आने वाले लोगों को मार्केट से काफी दूर वाहन पार्क कर पैदल मार्केट में आना होता है।

पसंदीदा मार्केट

अशोक संघवी, अध्यक्ष, जनरल मर्चंट एसोसिएशन के मुताबिक इतवारी शहर का सबसे पुराना मार्केट है। पुराने जमाने में शहर के आसपास के गांवों और कस्बों के लोग इतवारी से ही सामान की खरीदारी करते थे। अब भी यह लोगों का पसंदीदा मार्केट है। सबसे पुराना मार्केट होने के साथ ही यहां की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। इसकी व्यवस्था नहीं होने के कारण मार्केट में आए दिन ट्रैफिक जाम की समस्या होती रहती है, जिससे लोगों को परेशानी होती है।

वेराइटी मिलती है

पवन ढोगरे, ग्राहक के मुताबिक आजकल शहर में जगह-जगह मार्केट विकसित हो चुके हैं, लेकिन इतवारी जैसी बात कहीं नहीं है। इतवारी मार्केट में लेटेस्ट फैशन मिल जाता है, साथ ही यहां एक ही जगह पर कपड़ा, ज्वेलरी, बर्तन के साथ ही अन्य सजावटी सामान आदि आसानी से मिल जाते हैं।


पार्किंग बड़ी समस्या

देवेश सावलानी, ग्राहक के मुताबिक इतवारी में आने पर वाहनों की पार्किंग सबसे बड़ी समस्या रहती है। प्रशासन की ओर से पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।

वर्षों से यहीं से करते हैं खरीदारी

रघुनाथ गहरवाल, ग्राहक के मुताबिक बचपन में मेरे पिता मुझे नए कपड़े या अन्य वस्तुएं खरीदने के लिए इतवारी लेकर आते थे। हम भी यहीं से खरीदी करते हैं। इस मार्केट में बहुत ही वाजिब दाम में सामान मिल जाते हैं। हां, मार्केट में वाहन को पार्क करना बहुत बड़ी चुनौती होती है, इसीलिए मैं मार्केट से दूर वाहन पार्क करता हूं।




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