परेशानी: डंपिंग ग्राउंड पर कचरा डालने नहीं जगह, लगी वाहनों की कतारें
- ट्रान्सफर स्टेशन शुरू न होने बढ़ी दिक्कत
- नहीं हो पा रही तीन फेरियां
- बायो माइनिंग बंद होने से बढ़ी दिक्कत
डिजिटल डेस्क, अकोला। महानगरपालिका क्षेत्र में घरों और प्रतिष्ठानों से निकलनेवाला कचरा नायगांव डंपिंग ग्राउंड पर फेंका जाता है, लेकिन डंपिंग ग्राउंड पर अब कचरा डालने के लिए जगह नहीं बची। इस कारण जगह बनाकर ट्रैक्टर और वाहन खाली करने के लिए समय लग रहा है, जिससे घंटों वाहनों की कतारें लग रही हैं। फेरियां घटने से शहर में जगह-जगह कचरा का अंबार भी बढ़ गया है। फलस्वरूप संबंधित कर्मचारियों को पूर्व पार्षद और नागरिकों के रोष का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रान्सफर स्टेशन शुरू न होने बढ़ी दिक्कत
भोड में बायोगैस प्रकल्प कार्यान्वित किया गया है, लेकिन खाद निर्मिती प्रकल्प का काम चल रहा है। कचरा नायगांव डंपिंग ग्राउंड के बजाए सीधे भोड प्रकल्प की ओर भेजा जाएगा। लेकिन अभी तक ट्रान्सफर स्टेशन शुरू न होने से कचरा भोड़ भेजा नहीं जा सका है। खड़की तथा नायगांव के ट्रान्सफर स्टेशन अब तक शुरू नहीं हो पाए हैं।
डंपिंग ग्राउंड पर कचरे का अंबार
ग्राउंड कचरे से घिर गया है। कचरा डालने के लिए अब जगह बनानी पड़ रही है। इस प्रकार डंपिंग ग्राउंड कब कचरा मुक्त होगा? यह सवाल उठ रहा है।
नहीं हो पा रही तीन फेरियां
कचरा संकलन वाहनों के लिए तीन फेरियां अनिवार्य है, लेकिन 35 ट्रैक्टर, 95 वाहन, 2 टिप्पर आदि वाहनों को डम्पिंग ग्राउंड पर ही कतार में घंटों बिताने पड़ रहे हैं। इस कारण कई वाहनों की एक ही फेरी हो रही है
बायोमाइनिंग का काम प्रभावित
कचरे की समस्या हल करने के लिए शासन ने 45 करोड़ का घनकचरा व्यवस्थापन प्रकल्प मंजूर किया, जिसके अंतर्गत बायोमाइनिंग, बायोगैस प्रकल्प प्रस्तावित था। मनपा की ओर से ई-निविदा प्रक्रिया चलाकर परभणी एग्रोटेक कंपनी से करार किया। लंबे समय से चल रही बायोमाइनिंग के कार्य गति काफी धीमी होने से परभणी की कंपनी का काम रोका गया। मनपा आयुक्त के आदेश पर फिर ई-निविदा प्रक्रिया चलाई गई और पूजा कन्स्ट्रक्शन वर्धा को बायोमाइनिंग का ठेका दिया गया। कंपनी ने काम शुरू किया था, लेकिन बारिश के कारण काम रोका। उल्लेखनीय है कि अगस्त माह में बारिश लगभग गायब रही। इसके बावजूद संबंधित कंपनी प्रभावी तरीके से बायो माइनिंग नहीं कर पाई। फलस्वरूप डम्पिंग ग्राउंड पर कचरे के अंबार लग गए है। करार अनुसार संबंधित ठेकेदार को नायगांव डम्पिंग ग्राउंड पर संभावित 80 हजार टन कचरे पर प्रक्रिया करनी है।