Akola News: चुनाव मैदान में महिलाओं की नुमाइंदगी पर इस बार भी सवाल, इन्होंने तब आजमाया था भाग्य
- 1995 में अकोला पश्चिम से 33 पर्चे
- महिलाओं की नुमाइंदगी पर इस बार भी सवाल
Akola News : सुनील तिजारे | जिले में कुल 5 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र है। इनमें अकोला पूर्व, अकोला पश्चिम जो पहले बोरगांव मंजू निर्वाचन क्षेत्र हुआ करता था, इसके अलावा मूर्तिजापुर, बालापुर एवं अकोट का समावेश है। 1962 के चुनाव से लेकर 2019 तक के चुनाव पर नजर डालें तो अकोट निर्वाचन क्षेत्र से अब तक किसी महिला ने नामांकन दाखिल नहीं किया है। मूर्तिजापुर से दो महिला नेत्रियों ने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। जिसमें 1962 में कांग्रेस की कुसुम वामनराव कोरपे एवं 1972 में इसी दल की प्रतिभादेवी तिड़के का समावेश है। अकोला पश्चिम से सन 2014 में एकमात्र महिला प्रत्याशी ऊषा विरक ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था, लेकिन उनकी हार हुई थी। देखना यह है कि, इस बार के चुनाव में कितनी महिलाएं मैदान में उतरती हैं।
इन्होंने आजमाया भाग्य : 1978 के विधानसभा चुनाव में अकोला पश्चिम से जनता पार्टी की ओर से प्रमिला जैन ने चुनाव लड़ा था, उन्हें अजहर हुसैन ने शिकस्त दी थी। वह दूसरे नंबर पर रहीं। 1980 के चुनाव में अजहर हुसेन ने ही भाजपा की डा. प्रमिला टोपले को हराया था। 1985 के चुनाव में भी डा. प्रमिला टोपले ने चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार भी उन्हें करारी शिकस्त मिली थी। 2014 में अकोला पश्चिम से उषा विरक चुनाव मैदान में उतरीं, लेकिन वे सफल नहीं रहीं। बालापुर से 1990 में सरला मेश्राम, पद्मा गावंडे, मीरा तायडे, विजया डोंगरे ने चुनाव लड़ा। 1995 में सुनंदा घाटोल एवं कांता म्हैसने ने चुनाव लड़ा था। जबकि 2009 में मंदा महल्ले एवं श्रीमती रजिया बेगम खतीब ने चुनाव लड़ा, इस चुनाव में श्रीमती खतीब दूसरे नंबर पर रहींं। बोरगांव मंजू विधानसभा में 1990 में वत्सला बडेरे, जनाबाई भोले ने चुनाव लड़ा था, किन्तु वे हार गईं। 1995 में सीताबाई तायडे ने चुनाव लड़ा था। 2004 प्रा. लीला काले ने भाग्य अाजमाया था। मूर्तिजापुर से 1995 में सुरेखा सावलराम ने, 2004 में वंदना वासनिक ने तथा 2009 एवं 2014 में प्रतिभा अवचार ने चुनाव लड़ा था, लेकिन यह सभी महिलाएं चुनाव हार गई थीं। केवल मूर्तिजापुर से कुसुम कोरपे एवं प्रतिभा तिडके ने चुनाव में जीत दर्ज की थी।
1995 में अकोला पश्चिम से 33 पर्चे
जिले की पांच विधानसभाओं के चुनाव पर नजर डालें, तो सर्वाधिक 33 प्रत्याशियों ने 1995 में पर्च भरे थे। इस चुनाव में भाजपा के गोवर्धन शर्मा कांग्रेस के अरुण दिवेकर से चुनाव जीते थे। 1990 तक अकोला पश्चिम में कांग्रेस का दबदबा रहा, लेकिन 1995 से लेकर 2019 तक यहां से लगातार भाजपा के गोवर्धन शर्मा जीतते रहें। अकोला पूर्व से सर्वाधिक 25 लोगों ने सन 2014 में चुनाव लड़ा। अकोट से 21 प्रत्याशियों ने 1995 में चुनाव लड़ा था। यहां से 1972,1978 एवं 1980 मंे केवल 4-4 प्रत्याशी मैदान में थे। मूर्तिजापुर से 1990 एवं 1995 में सर्वाधिक 23 लोगों ने चुनाव लड़ा था। यहां से 1962,1967 एवं 1972 में मात्र 4-4 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। बालापुर से 2014 में सर्वाधिक 16 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था।