हादसा टला: फरिश्ता बनकर पहुंचे आरपीएफ जवान ने बुजुर्ग को मौत के मुंह से खींच निकाला

  • चलती ट्रेन से उतरने की कोशिश में था बुजुर्ग
  • प्लेटफार्म नंबर एक पर आरपीएफ जवान ने बढ़ाया मदद का हाथ
  • अकोला रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा टल गया
  • छोटी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का सबब

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-13 14:02 GMT

डिजिटल डेस्क, अकोला। रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा टल गया। जब चलती ट्रेन से उतरने के दौरान बुजुर्ग फिसलकर गिरने ही लगा था कि वहां मौजूद जवान ने हाथ पकड़कर उसे मौत के मुंह से खींच लिया। वैसे कब कौन किस वजह से हादसे का शिकार हो जाए, कहा नहीं जा सकता। अक्सर ऐसे हादसों में लोग जान गंवा बैठते हैं, लेकिन यह भी किसी चमत्कार से कम नहीं, कि ऐन मौके कोई फरिश्ता आ जाए। बात दरअसल यू है कि नागपुर की ओर आ रही पुणे - नागपुर एक्सप्रेस अभी स्टेशन से चलने लगी ही थी, कि बालकृष्ण इंगले नामक बुर्जुग यात्री उतरने की कोशिश करने लगा। तभी उसका संतुलन बिगड़ गया, अचानक वो ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच वाले गैप में गिरने ही लगा था कि आरपीएफ जवान दौड़ा, जवान ने तुरंत 60 साल के शख्स का हाथ थामा और उसे मौत के मुंह से खींच लिया। जिससे यात्री की जान बच गई। यात्री ने आरपीएफ जवान का तहे दिल से धन्यवाद किया।

फरिश्ता बनकर आया और मौत के मुंह जाने से बचा लिया

जब बालकृष्ण इंगले ट्रेन से उतरने की कोशिश कर रहे थे, तो प्लेटफार्म पर खड़े यात्रियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका भी था, लेकिन वह उतरने की जद्दोजहद करने लगे। इसी बीच ट्रेन की रफ्तार बढ़ी और उनका संतुलन बिगड़ गया। गनीमत थी कि ट्रेन के नीचे नहीं आए। ड्यूटी पर मौजूद आरपीएफ विनोज जटाले ने तुरंत दौड़ लगाकर मदद का हाथ बढ़ा दिया। यात्री के दोनों हाथ पकड़ उन्हें पूरी ताकत से खींच लिया। यह मंजर जिसने भी देखा, सहम गया। यात्री की जान बचाने में सतर्कता, साहस और सूझबूझ का अनूठा परिचय देने वाले जाटल को सही मायने में "जीवन रक्षक" कहा जा सकता है।

जवान की तत्परता से एक जान बच गई। गनीमत थी कि वो मौके पर मौजूद थे। ऐसे हादसे कहीं भी हो सकते हैं, जरूरी नहीं कि हर वक्त कोई बचाने वाला मौजूद हो। थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है। कोशिश करें कभी चलती ट्रेन में ना चढ़ें, ना उतरें। छोटी सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का सबब बन जाती है।



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