आयोजन: अखिल भारतीय अंकुर साहित्य सम्मेलन, उम्दा रचनाओं से बांधा समा

  • कवियों ने पेश की रचनाएं
  • उम्दा रचनाओं ने बांधा समा
  • अखिल भारतीय अंकुर साहित्य सम्मेलन

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-26 12:59 GMT

डिजिटल डेस्क, अकोला। 61वें अखिल भारतीय अंकुर साहित्य सम्मेलन का दो दिवसीय आयोजन गुरुकृपा मंगल कार्यालय में किया गया। इस सम्मेलन के अध्यक्ष प्राचार्य साधना निकम, उद्घाटक प्रा.डा.संतोष हूशे, स्वागताध्यक्ष ललीत कालपांडे ने दीप प्रज्ज्वलन कर प्रारम्भ किया। दो दिवसीय इस सम्मेलन में 23 दिसंबर को दोपहर 1 बजे उद्घाटन समारोह में डॉ.पापालाल पवार, डॉ.सुगत वाघमारे, डॉ.श्रीकान्त काले, किरण अग्रवाल, विलास शेलके, डॉ.विनोद कोतकर, रेखा शेकोकार डॉ.प्रमोद काकडे, शीला गहिलोत, तुलशीराम बोबडे प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित थे। साहित्य सम्मेलन के दूसरे दिन सुबह रमेश सरकाटे की अध्यक्षता और किशोर बली के संचालन ने कार्यक्रम को और रंगारंग बना दिया।

समारोह में गजलकारों की एक से बढ़कर एक सुमधुर प्रस्तुति से श्रोताओं की दाद प्राप्त की। पश्चात महिलाओं का स्वतंत्र कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। इसमें महिलाओं के विविध रुपों को भावनात्मक शब्दों की कड़ी में पिरोकर प्रस्तुति की गई। जिसे सभी की सराहना मिली। ज्येष्ठ कवि मीरा ठाकरे की अध्यक्षता में प्रमुख अतिथि कविता राठोड, सम्मेलन अध्यक्ष साधना निकम, उमा गवई, मंगला नागरे उपस्थित थे। इस कवि सम्मेलन में विविध कवियों ने भाव रस से सराबोर कविताओं को प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सम्मेलन का संचालन विद्या बनाफर ने किया। भोजन के बाद प्रकाश धादगिने की अध्यक्षता में औव गजानन छबीले के संचालन में प्रा.मधुकर वडोदे, सुनील गायकवाड, चोष्णा मोकडे और नरेंद्र इंगले ने कथा कथन किया।

समापन समारोह में ज्येष्ठ नाट्यकर्मी डा.रमेश थोरात की अध्यक्षता में धीरज चावरे के संचालन में समापन सत्र में प्रा.सदाशिव शेलके, पुष्पराज गावंडे, सम्मेलन अध्यक्ष साधना निकम, संमेलन कार्यवाह तुलसीराम बोबडे ने अपने विचार व्यक्त किए। समापन समारोह में आभार प्रदर्शन केंद्रीय अध्यक्ष हिम्मत ढाले ने किया।

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