अजब गजब: ट्रक ड्राइवर ने पहुंचाया 31 साल बाद किडनेप हुए आदमी को वापस उसके घर, मदद ले ली लेकिन नाम अब तक नहीं पता

ट्रक ड्राइवर ने पहुंचाया 31 साल बाद किडनेप हुए आदमी को वापस उसके घर, मदद ले ली लेकिन नाम अब तक नहीं पता
  • ट्रक ड्राइवर ने पहुंचाया 31 साल बाद घर
  • ट्रक ड्राइवर ने अपनी पहचान छुपाने की करी अपील
  • परिवार वालों के साथ आस पास के लोग भी हुए भावुक

डिजिटल डेस्क, भोपाल। 31 साल बाद अपने मां-बाप से मिलने के बाद राजू और उसके घरवाले ही नहीं, बल्कि आस-पास के लोगों की आंखें भी नम हो गईं। राजू अपने घर वापस आने की कहानी बता रहा था, जिसको सुनकर वो एक फिल्म की कहानी से कम नहीं थी। राजू के लिए एक भगवान का दूत बनकर एक ट्रक ड्राइवर उस जगह पहुंचा, जहां पर राजू को इतने सालों तक रखा जा गया था।

किसने पहुंचाया राजू को घर?

राजू को जहां पर रखा गया था, वहां से निकालकर गाजियाबाद के खोड़ा थाने तक पहुंचाने वाले ट्रक ड्राइवर ने किसी को भी अपना परिचय नहीं दिया था। उसने सभी को मना किया कि उसका नाम किसी के सामने नहीं आना चाहिए। राजू के परिजन और रिश्तेदार उस ट्रक ड्राइवर को भगवान का दूत माना गया है।

कहां का था इलाका?

राजू की बहन ने बताया कि राजू को गाजियाबाद के खोड़ा थाना पहुंचने से कुछ दिन पहले ही वह ट्रक ड्राइवर उस जगह पर पहुंचा था, जहां पर राजू इतने सालों से बंद था। इस इलाके को राजस्थान का जैसलमेर बताया जा रहा है।

कब किडनैप हुआ था राजू?

साल 1993 में स्कूल से वापस आते समय राजू को कुछ लोगों ने किडनैप करके अपने साथ ले गए थे। राजू को लेकर जाने के बाद उसे एक झोपड़ी में रखकर उस पर जुल्म किया गया और उसको बकरी चराने का काम दिया गया।

ट्रक ड्राइवर को आई दया

राजू की बहन ने बताया कि कुछ दिन पहले एक ट्रक ड्राइवर के पास राजू के पास पहुंचा और उसको उसकी हालत देखकर दया आ गई। उसने राजू से उसकी हालत के बारे में पूछा तो राजू ने उसको पूरी कहानी बताई कि कैसे वो गाजियाबाद में रहता था और उसको बचपन में कुछ लोग उठाकर यहां ले आए थे।

ड्राइवर ने लिखी चिट्ठी

ट्रक ड्राइवर ने राजू को बचाने की ठान ली और उसने राजू को वहां से निकाला और फिर उसे अपने साथ गाजियाबाद के खोड़ा तक ले गया। यहां पर एक ट्रक ड्राइवर ने पुलिसवालों को चिट्ठी लिखी, कि जिसका भी ये बेटा है उसे ढूंढा जाए और इसको वापस घर भेजा जाए। साथ ही ट्रक ड्राइवर ने अपनी पहचान छुपाने की भी गुजारिश की थी।

परिवार वाले हुए खुश

राजू के लौटकर आने के बाद उसके परिजन काफी ज्यादा खुश हुए और ट्रक ड्राइवर को भगवान का दूत मानने लगे। राजू खुद भी बजरंगबली का बहुत ही बड़ा भक्त है और उन्हीं के सहारे से उसने अपने जीवन के इतने कठिन दिन बिता दिए। राजू के परिवार वाले उस ट्रक ड्राइवर को बजरंगबली के ही भेजे हुए दूत मान रहे थे, जिसने राजू को वहां से बाहर निकाला और अपने घर पहुंचा दिया।

Created On :   30 Nov 2024 4:40 PM IST

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